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अंकिता भंडारी हत्याकांड, कांग्रेस ने दिल्ली में खोला VIP का नाम, वीडियो का दिया हवाला

देहरादून: उत्तराखंड का अंकिता भंडारी हत्याकांड एक बार फिर से सुर्खियों में है. कांग्रेस ने इस मामले एक वीडियो का हवाला देकर फिर सरकार को घेरा है. साथ ही एसआईटी की जांच पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस मामले को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने दिल्ली में प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए.

गणेश गोदियाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबसे पहले उस वीडियो को चलाया, जिसके हवाले से गोदियाल ने बीजेपी सरकार पर अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर फिर से निशाना साधा. कांग्रेस ने अपने कार्यालय में जो वीडियो चलाया, उसमें एक महिला कह रही है कि अंकिता भंडारी हत्याकांड के समय वहां पर ‘गट्टू’ नाम का एक व्यक्ति भी था, उसी को महिला VIP बता रही है, जिसका जिक्र इस केस में सबसे ज्यादा हुआ है. हालांकि, इस वीआईपी का नाम अब तक सामने नहीं आया है. महिला ने वीडियो में अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद रिजॉर्ट पर की गई बुलडोजर की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए हैं.

इस वीडियो के खत्म होने के बाद गणेश गोदियाल ने अपनी बात रखी. उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस वीडियो ने बीते दो दिनों से उत्तराखंड में धूम मचा रखी है. गणेश गोदियाल ने बताया कि इस वीडियो में जो महिला अंकिता भंडारी हत्याकांड के बारे में बता रही है कि वो खुद को बीजेपी के पूर्व विधायक सुरेश राठौर की पत्नी कहती है. इस महिला ने दावा भी किया है कि सुरेश राठौर के ऑडियो रिकॉर्डिंग इनके पास हैं, जो सोशल मीडिया पर मौजूद है. गणेश गोदियाल के मुताबिक वो वीडियो उस तरह की हैं जिन्हें वो कांग्रेस के प्लेटफार्म पर दिखा नहीं सकते हैं.

गणेश गोदियाल के मुताबिक, उस वीडियो में सुरेश राठौर ये कह रहे हैं कि अंकिता भंडारी की हत्या इसलिए हुई, क्योंकि उसके (अंकिता) ऊपर उस शख्स के लिए दबाव बनाया जा रहा था, जिसका नाम वीडियो में महिला ने लिया है. वो व्यक्ति वर्तमान में उत्तराखंड में बीजेपी का सबसे बड़ा प्रभार रखता है. इस वीडियो में बेटियों के प्रति बीजेपी की हकीकत खोल दी है.

गोदियाल आगे कहते हैं कि, अंकिता भंडारी हत्याकांड में शक की सुई उस दिशा में इसलिए उठ रही है, क्योंकि अंकिता भंडारी की हत्या का राज खुलने के बाद सबसे पहले रिजॉर्ट के उस कमरे को तोड़ा गया, जिसमें अंकिता रहती थी. उसके बाद कमरे के बिस्तरों की जलाने की भी कोशिश हुई. इसके बाद अधजले बिस्तरों को स्विमिंग पूल में डाल दिया गया, तो निश्चित रूप में ये सबूतों को मिटाने की कोशिश की है और आखिर में वो सच सामने आ भी गया कि कमरे को तोड़ने के पीछे सिर्फ सबूतों को मिटाने की मंशा थी.

गणेश गोदियाल ने सरकार से पूछा कि आखिर उस कमरे को तोड़ने की इतनी जल्दी क्या थी? गणेश गोदियाल ने बीजेपी सरकार से सवाल किया है कि बीते दो दिनों से वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हीं की पार्टी के कार्यकर्ता खुद बीजेपी नेता पर ही गंभीर आरोप लगा रहे हैं. ऐसे में सरकार बीते दो दिनों से क्या कर रही है?

गणेश गोदियाल ने उत्तराखंड के बीजेपी संगठन और सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने सत्ता की पूरी ताकत अंकिता भंडारी हत्याकांड को दबाने और वीआईपी की बचाने में लगाई. आज उनकी पार्टी के नेता के वीडियो में ही VIP का नाम सामने आया, फिर सरकार चुप है. गोदियाल ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने अब भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और सीबीआई जांच नहीं कराई तो कांग्रेस गढ़वाल मंडल मुख्यालय पर विशाल धरना प्रदर्शन करेगी.

क्या है पूरा मामला: दरअसल, ये मामला साल 2022 का है. जब पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली अंकिता भंडारी जिले के ही यमकेश्वर ब्लॉक में स्थित रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. उस रिजॉर्ट का मालिक पुलकित आर्या है. पुलकित आर्या के पिता बीजेपी सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. पुलकित आर्या के भाई को भी बीजेपी सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा मिला था. हालांकि अंकिता भंडारी हत्या के बाद बीजेपी ने बाप-बेटे को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.

पौड़ी जिले के श्रीकोट डोभ निवासी अंकिता भंडारी यमकेश्वर स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. जो अचानक से रिजॉर्ट से 18 सितंबर 2022 को लापता हो गई थी. इसके बाद वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. ताकि, अंकिता के परिजनों को गुमराह कर सके. वहीं, इसी बीच 24 सितंबर को अंकिता भंडारी का शव चीला नहर से बरामद हुआ था.

आरोप था कि वनंत्रा रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य ने अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर के साथ मिलकर अंकिता भंडारी को चीला नहर में धकेल दिया था. जिससे अंकिता भंडारी की जान चली गई. इसके अलावा पुलकित आर्य पर आरोप ये भी है कि वो रिजॉर्ट में अंकिता से गलत काम करवाना चाहता था, जिस पर अंकिता ने मना कर दिया था. ऐसे में अंकिता का मना करना ही उसकी मौत की वजह माना जा रहा है. इस मामले में कोटद्वार एडीजे कोर्ट तीनों आरोपियों को दोषी मानते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा भी सुनाई थी.

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