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उत्तराखंड के इस जेल में कैद रहा सुल्ताना डाकू, अब एडवेंचर टूरिज्म से जोड़ने की कवायद

हरिद्वार: धार्मिक और साहसिक पर्यटन के हरिद्वार में कई स्पॉट हैं, जिनमें से एक अंग्रेजों के जमाने की जेल भी है. पर्यटन विभाग श्यामपुर में स्थित अंग्रेजों की एक जेल को एडवेंचर टूरिज्म से जोड़ने की योजना पर काम कर रहा है. ब्रिटिश कालीन इस थाने और जेल का इतिहास सुल्ताना डाकू से जुड़ा हुआ है. स्थानीय लोगों ने भी इस जेल को टूरिज्म से जोड़ने की मांग की है. लोगों का मानना है कि टूरिज्म से जुड़ने के बाद ना सिर्फ ऐतिहासिक स्थल को पहचान मिलेगी, बल्कि क्षेत्र का विकास भी होगा. बताया जाता है कि सुल्ताना डाकू को जब अंग्रेजों ने पकड़ा था, तब उन्हें हरिद्वार के श्यामपुर स्थित जेल में करीब बीस दिनों तक रखा गया था.

श्यामपुर में अंग्रेजों के जमाने की जेल: हरिद्वार का श्यामपुर इलाका, इस इलाके में खंडहर नुमा एक इमारत मौजूद है जो भले ही आज जर्जर नजर आती है, लेकिन एक समय में अंग्रेज यहां से कानून व्यवस्था संभालते थे. करीब सवा सौ साल पुरानी इस इमारत को इलाके में अंग्रेजों की जेल या थाने के नाम से जाना जाता है. खास बात ये है कि इस जेल का इतिहास 20वीं सदी की शुरुआत में अंग्रेजों और शोषणकारी साहूकारों के लिए खौफ का पर्याय रहे सुल्ताना डाकू से जुड़ा हुआ है

जेल को एडवेंचर टूरिज्म से जोड़ने की कवायद: बताया जाता है कि जब सुल्ताना डाकू को पकड़ने के लिए फ्रेडी यंग नाम के एक स्पेशल ऑफिसर को बुलाया गया तो सुल्ताना को गिरफ्तार करने के बाद कुछ समय तक इस जेल में रखा गया था. पर्यटन विभाग इस इमारत को संरक्षित कर इसे झिलमिल झील सफारी के साथ जोड़ने की योजना पर काम कर रहा है. अधिकारियों का मानना है कि उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र में सुल्ताना डाकू की सक्रियता रही है, इसलिए उनसे जुड़ी इस जेल को एडवेंचर टूरिज्म के रूप में विकसित करने की योजना है.

सुल्ताना डाकू से जुड़ा जेल का इतिहास: विकसित होने के बाद जंगल सफारी के साथ जुड़ने के बाद यहां देसी विदेशी सैलानी आएंगे. वन्यजीवों के दीदार के साथ ही उन्हें ऐतिहासिक स्थल के दर्शन भी होंगे और इतिहास को भी जान सकेंगे. 20वीं सदी की शुरुआत में हरिद्वार, बिजनौर, कोटद्वार, मुरादाबाद, इलाके में एक्टिव रहे सुल्ताना डाकू के बारे में कई लोक कथाएं और किवदंतियां प्रचलित हैं. जिसमें उसे अंग्रेजों और अमीरों से धन लूटकर गरीबों की मदद करने वाला रॉबिन हुड बताया जाता है. सुल्ताना डाकू को लोग एक रोचक किरदार मानते हैं.

स्थानीय लोगों की मांग: इसलिए सुल्ताना के नजीबाबाद स्थित किले पर भी सैलानियों का तांता लगा रहता है. श्यामपुर के स्थानीय लोग मानते हैं कि अगर इस जेल को सुल्ताना डाकू की जेल के नाम से प्रचारित किया जाएगा तो पर्यटक यहां जरूर आएंगे. लोगों ने भी मांग की है कि अंग्रेजों के जमाने की जेल को टूरिज्म स्थल के रूप में विकसित किया जाए. लोगों का मानना है कि जब देशभर में लोग सुल्ताना डाकू के किले को देखने जाते हैं, तो उनके जीवन से जुड़ी इस जेल को देखने भी आएंगे.

पर्यटन की बढ़ेंगी गतिविधियां: हरिद्वार में गंगा स्नान और मंदिरों के दर्शन करने के लिए तो बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं, हालांकि यहां जंगल सफारी और एडवेंचर टूरिज्म का भी बड़ा स्कोप है. ऐसे में पर्यटन विभाग अगर जंगल सफारी से सुल्ताना डाकू की जेल को जोड़ पाता है तो एडवेंचर टूरिज्म के शौकीनों के लिए यहां एक नई डेस्टिनेशन बन जाएगी.

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