
रुद्रप्रयाग: अंतरराष्ट्रीय युवा नेतृत्व शिखर सम्मेलन बिम्सटेक से पर्यावरण विशेषज्ञ देव राघवेन्द्र सिंह चौधरी लौट आए हैं. सम्मेलन में भारत सहित छः देशों के लगभग 100 युवाओं ने हिस्सा लिया. साथ ही विदेश के युवाओं ने उनके साथ अपने विचार भी साझा किये.
भारत विदेश मंत्रालय तथा भारत स्काउट गाइड के तत्वाधान में गुवाहाटी असम में बीते 9 से 12 सिंतबर तक संपन्न हुए बीम्सटेक युवा नेतृत्व शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ. जिसमें उत्तराखंड रुद्रप्रयाग जिले के देव राघवेन्द्र सिंह चौधरी ने भारत का प्रतिनिधित्व किया.
राघवेन्द्र सिंह चौधरी ने बताया सम्मेलन में उन्होंने उत्तराखण्ड हिमालय के हस्तशिल्प उत्पादों तथा जैविक उत्पादों को बढ़ावा देकर उद्यमिता को स्थापित करने पर बात रखी. उन्होंने बताया सम्मेलन में उत्तराखण्ड के युवाओं को हरित उद्यमिता विकास की दिशा में कार्य करने पर व्याख्यान दिया. इस दौरान बीम्सटेक राष्ट्र के युवाओं के बीच संवादात्मक सत्र चला. जिसमें विशेषज्ञों ने सभी युवाओं को उद्यमिता विकास के गुर सिखाए.
भारत विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव सीएस राम ने सात देशों से आए युवाओं को संबोधित कर कहा कि बीम्सटेक राष्ट्र के युवआों को एक मंच पर लाकर उनको उच्च नेतृत्व प्रदान करना है. देव राघवेन्द्र ने बताया बीम्सटेक युवा शिखर सम्मेलन के दौरान विदेश से आए युवाओं के साथ उन्होंने अपने विचार साझा करने का अवसर प्रदान हुआ. अपनी संस्कृति परंपरा तथा नवाचारों को आदान प्रदान करने का मौका मिला है. बीम्सटेक युवा नेतृत्व शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य राष्ट्र के युवाओं के बीच सृजनशीलता, दृढ़ता, सतत विकास तथा उद्यमशीलता को बढ़ाने पर केंद्रित रहा तथा राष्ट्र के युवाओं के बीच आपसी संबंधो को बढ़ाना है.
पर्यावरण विशेषज्ञ देवराघवेंद्र मूल रूप से रानीगढ़ पट्टी के कोट मल्ला के निवासी हैं. देव राघवेन्द्र सिंह पिछले 10 वर्षो से पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रहे है. जिसके तहत आपने 50 हजार पौधों का रोपण किया है. पर्यावरण पाठशाला अभियान के तहत विश्व भर के 60 हजार छात्र – छात्राओं को पर्यावरण संरक्षण का प्रशिक्षण भी दिया है. जल संरक्षण के क्षेत्र में पारंपरिक जल संरक्षण के माध्यम से सूखे जल स्रोतों की दिशा में चाल -खाल-खंतियों के निर्माण से एक नयी किरण स्थापित की है. उन्हें पर्यावरण संरक्षण को लेकर 2023 में नयी दिल्ली में माटी मित्र सम्मान से सम्मानित किया गया. जर्मन इंडो तथा सीईईडब्लू की ओर से पर्यावरण श्री सम्मान, भुवा गौरख, सम्मान, हरितदूत सेवा सम्मान आदि पुरस्कारों से भी उन्हें नवाजा गया है.