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उत्तराखंड में AI वीडियो पर मचा सियासी घमासान, साइबर पुलिस हुई एक्टिव

देहरादून: उत्तराखंड में 2027 विधानसभा चुनाव से पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से राजनीतिक माहौल बनाया जा रहा है. जिससे राजनेताओं की छवि के साथ-साथ नेताओं की राजनीति पर भी उसका असर पड़ने लगा है. वहीं इसको देखते हुए साइबर पुलिस एक्टिव हो गई है.

उत्तराखंड में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सभी पार्टियों अभी से अपना राजनीतिक माहौल बनाने के लिए प्रचार प्रसार के साथ-साथ जनता का विश्वास जीतने की कोशिश कर रही है. लेकिन 2027 विधानसभा चुनाव से पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से नेता छवि को धूमिल करने का आरोप लगा रहे हैं. ताजा मामला पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का है,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से उनकी छवि को खराब करने के मामले में उन्होंने पुलिस को शिकायत की है. हरीश रावत ने बीते दिनों नेहरू कॉलोनी देहरादून में मुकदमा दर्ज कराया. जिससे 2027 चुनाव में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का गलत इस्तेमाल होने का अंदाजा सभी लोग लगा रहे हैं. इस मामले के सामने आने के बाद साइबर पुलिस ने भी अपनी कमर कस ली है.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से वीडियो बनाने से लोकप्रियता के साथ-साथ विपक्षी नेताओं को भी अब टारगेट किया जा रहा है. साइबर पुलिस के एएसपी कुश मिश्रा ने बताया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनी वीडियो को रोकना मुश्किल है. लेकिन वीडियो प्रकाशित होने के बाद विभिन्न धाराओं में व्यक्ति पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि बीएनएस के तहत सेक्शन 353 और 336 के तहत कार्रवाई की जाएगी. वहीं सहयोग पोर्टल के माध्यम से ऐसी वीडियो को रोकने और हटाने का प्रयास किया जाता है.

एएसपी कुश मिश्रा ने यह भी बताया कि आईजी साइबर नीलेश आनंद भरने के निर्देश में AI के टूल्स को खरीदा और किराए पर लिया गया है. जिसकी मदद से किसी भी व्यक्ति की URL तक पहुंच कर ऐसे व्यक्ति पर कार्रवाई की जा सकती है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपने आप में न तो अच्छा है और न ही बुरा, लेकिन इसका इस्तेमाल किस उद्देश्य से किया जा रहा है यही असल सवाल है. उत्तराखंड की राजनीति में AI अब राजनीतिक हथियार बनता जा रहा है, फर्जी वीडियो, डीपफेक ऑडियो और एडिटेड तस्वीरें न केवल नेताओं की छवि को नुकसान पहुंचा रही हैं, बल्कि आम जनता को भी भ्रमित कर रही हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में AI आधारित दुष्प्रचार लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन सकता है.

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