
देहरादून: उधम सिंह नगर जिले के शक्तिफार्म (सितारगंज) स्थित पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) को सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) बनाए जाने की मांग लंबे समय से उठ रही थी. ताकि स्थानीय स्तर पर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सके. इसी क्रम में उत्तराखंड शासन ने शक्तिफार्म पीएचसी को सीएचसी में अपग्रेड करने पर सहमति जाता दी है. शासन स्तर से इस संबंध में शासनादेश भी जारी कर दिया गया है. इसके साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के संचालन के लिए आईपीएचएस मानकों के अनुरूप 32 पदों के सृजन को भी मंजूरी दे दी है.
सीएचसी के संचालन के लिये आईपीएचएस (इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्स) मानकों के आधार पर, विशेषज्ञ चिकित्सक, चिकित्साधिकारी, पैरामेडिकल स्टाफ समेत प्रशासनिक संवर्ग के कुल 32 पदों का सृजन किया जाएगा. स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की सेहत को लेकर फिक्रमंद है. सरकार प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर और इसके विस्तार के लिए लगातार काम कर रही है. इसी क्रम में सरकार ने उधम सिंह नगर जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को विस्तार देते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शक्तिफार्म (टाइप-ए) को 30 शैय्यायुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उच्चीकृत कर दिया है. जिसके शासन स्तर से शासनदेश भी जारी कर दिए गए हैं.
वहीं, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि 30 बेड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आईपीएचएस मानकों के अनुरूप विशेषज्ञ चिकित्सकों, चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन समेत अन्य मेडिकल स्टाफ की तैनाती को कुल 32 पद सृजित किे गए हैं. जिसमें 20 नियमित और 12 आउटसोर्स के पद शामिल हैं. नवसृजित पदों में चिकित्सा अधीक्षक, पब्लिक हेल्थ स्पेश्लिस्ट, जनरल सर्जन, फिजिशियन, स्त्रीरोग विशेषज्ञ, बालरोग विशेषज्ञ, निश्चेतक, दंत शल्यक के एक-एक पद शामिल हैं. जबकि पीएचसी में पूर्व में सृजित चिकित्सा अधिकारी के एक पद को सीएचसी में समायोजित किया गया है. इसके अलावा पैरामेडिकल संवर्ग में 8, प्रशासनिक संवर्ग में 3 और 12 आउटसोर्स के पदों को सृजित किया गया है.
साथ ही मंत्री ने कहा कि उच्चीकृत चिकित्सा इकाई में आईपीएचएस मानकों के अनुरूप आवश्यक चिकित्सकीय उपकरण मुहैया कराने और अवसंरचनात्मक कामों को नियत समय पर पूरा करने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं. शक्तिफार्म में अस्पताल के उच्चीकरण होने से स्थानीय स्तर पर आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी. साथ ही स्थानीय लोगों को निजी अस्पतालों में महंगे उपचार से राहत मिलेगी.
