
देहरादून: कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पिछले चार दिनों से आंदोलनरत उपनल कर्मियों के धरने पर पहुंचे, और उनकी नियमितीकरण की मांग का समर्थन किया. इस दौरान हरक सिंह रावत उपनल कर्मचारियों को संबोधित करते हुए धामी सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि सैनिक कल्याण मंत्री रहते हुए उन्होंने नियमित करने व समान कार्य के बदले समान वेतन का निर्णय कैबिनेट से करवाने के लिए समिति बनाई थी, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि उस पर निर्णय नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की तत्काल धामी सरकार को मांग माननी चाहिए.
कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने कहा कि आज प्रदेश के विभिन्न विभाग नियमित कर्मचारियों की बदौलत नहीं चल रहे हैं, बल्कि यह विभाग उपनल कर्मियों के बलबूते चल रहे हैं. उनका कहना है कि अब जबकि उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय ने कर्मचारियों के पक्ष में निर्णय ले लिया है तो फिर सरकार इन्हें नियमित करने में देरी क्यों कर रही है.
इस दौरान हरक सिंह रावत ने सीएम धामी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि एक युवा मुख्यमंत्री अगर उत्तराखंड के युवाओं की चिंता ना करें तो फिर मुख्यमंत्री किस बात के युवा हैं. उनका कहना है कि इनमें से कई कर्मचारियों को विभागों में काम करते हुए 15 साल से अधिक का वक्त बीत गया, लेकिन ये कर्मचारी आज भी नियमित किए जाने का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी और सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी दोनों उनके छोटे भाई के समान हैं, इसलिए वह उनसे इन कर्मचारियों को नियमित किए जाने का आग्रह कर रहे हैं नहीं तो यह लड़ाई अब बहुत बड़ी होने जा रही है.
कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से उपनल कर्मियों के साथ खड़ी है, सरकार ने अगर कर्मचारियों के मामले में कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो कांग्रेस की सरकार बनते ही उपनल के कर्मियों के साथ न्याय किया जाएगा. उन्होंने आंदोलन कर रहे कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री ने उनकी मांग को पूरा कर दिया तो उस दिन वह धामी जिंदाबाद के नारे लगाने में भी संकोच नहीं करेंगे. कहा कि ये बात राजनीतिक स्वार्थ साधने के लिए नहीं बल्कि इन कर्मचारियों के भविष्य को लेकर की. उन्होंने आंदोलन स्थल पर भूख हड़ताल में बैठे कर्मचारियों को भी जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया.
