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कर्मचारियों से संपत्ति का ब्यौरा मांगने पर भड़की कांग्रेस, बताया चुनाव से पहले डराने की कोशिश

देहरादून: उत्तराखंड में कार्मिक विभाग द्वारा कर्मचारियों से मांगे जा रहे हैं संपत्ति की ब्यौरे पर राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भड़क गई है. कांग्रेस ने इसे विधानसभा चुनाव से पहले कर्मचारियों का उत्पीड़न बताया है.

कर्मचारियों की संपत्ति का ब्यौरा मांगने पर भड़की कांग्रेस: कर्मचारी सेवा नियमावली के तहत हर साल कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा कार्मिक विभाग को देना होता है. रिमाइंडर के तौर पर कार्मिक विभाग ने हाल ही में एक बार फिर से एक रिमाइंडर लेटर सभी कर्मचारियों के लिए जारी किया. इसमें सभी कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए कहा गया है. विपक्षी पार्टी कांग्रेस इसे कर्मचारियों का उत्पीड़न बता रही है.

गोदियाल ने मंत्रियों, विधायकों की संपत्ति सार्वजनिक करने की मांग की: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि सरकार इस वक्त चुनाव से ठीक पहले कर्मचारियों को डराने का काम कर रही है. ताकि कर्मचारी डर कर या तो चुप रहें या फिर उनकी राजनीतिक विचारधारा को सपोर्ट करें. उन्होंने कहा कि यह सरकार की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है. यह सरकार के राजनीतिक दबाव का खेल है. उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्रीगण और विधायकों को पहले अपनी संपति को सार्वजनिक करना चाहिए, उसके बाद सबके लिए लागू करें.

संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वालों पर सख्त कार्रवाई के पक्ष में हैं विनोद चमोली: चमोली ने कहा कि इसका सख्ती से पालन करना चाहिए. कुछ और प्रतिबंध भी लगाए जाने चाहिए. जैसे कि यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देता है, तो उसके सभी प्रमोशन और इंक्रीमेंट रोक देने चाहिए. विनोद चमोली ने कहा कि सिस्टम में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए इस तरह के कदम जरूरी हैं. वहीं इसके अलावा विधायकों और मंत्रियों की संपत्ति को लेकर उन्होंने कहा कि विधायक और मंत्री जो भी चुनाव में जाते हैं, वह चुनाव लड़ते हुए अपने संपत्ति को सार्वजनिक करते हैं. इसकी अधिकारियों और कर्मचारियों से तुलना नहीं करनी चाहिए.

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