
उधम सिंह नगर: काशीपुर कोतवाली पुलिस, काशीपुर एसओजी और फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने एक ट्रांसपोर्ट से एक करोड़ से अधिक मूल्य के नशे के इंजेक्शन बरामद किए हैं. आरोपी द्वारा ट्रांसपोर्ट से नशे की खेप मंगाई गई थी. पुलिस ने 43 हजार 950 इंजेक्शन को कब्जे में लेते हुए आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. आरोपी फरार चल रहा है.
ट्रांसपोर्ट से नशीले इंजेक्शन की तस्करी: नशे के खिलाफ उधम सिंह नगर की काशीपुर पुलिस, एसओजी और फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की संयुक्त टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए एक करोड़ 32 लाख के खुदरा मूल्य के 43,950 नशीले इंजेक्शन बरामद किए हैं. तस्करों द्वारा ट्रांसपोर्ट के माध्यम से नशे की भारी खेप मंगाई गई थी. जांच के दौरान प्रकाश में आए आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट का मुकदमा दर्ज कर उसकी धरपकड़ की कोशिश शुरू कर दी गई है.
काशीपुर में 43,950 नशीले इंजेक्शन बरामद: पुलिस के मुताबिक 15 दिसंबर 2025 को मुखबिर द्वारा सूचना दी गई कि काशीपुर क्षेत्र में नशे की भारी खेप ट्रांसपोर्ट के माध्यम से लाई जा रही है. इस पर काशीपुर पुलिस, एसओजी और फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन टीम ने SAFEXPRESS ट्रांसपोर्ट, दड़ियाल रोड, टांडा उज्जैन, काशीपुर में चेकिंग की. चेकिंग के दौरान ट्रांसपोर्ट में रखी गई संदिग्ध पेटियों की तलाशी ली गई. पेटियों में नशीले इंजेक्शनों की बड़ी खेप 16 पेटी इंजेक्शन बरामद हुए. इसमें टीम को BINORPHINE (Buprenorphine Injection IP) के 1,598 डिब्बों में कुल 39,950 इंजेक्शन तथा 02 गत्तों की पेटियों में REXOGESIC (Buprenorphine Injection) के 160 डिब्बों में कुल 4,000 इंजेक्शन बरामद हुए. इस प्रकार 43,950 नशीले इंजेक्शन पुलिस द्वारा कब्जे में लिए गए.
दर्द से राहत पाने के लिए मरीज़ों द्वारा चिकित्सा सहायता लेने का एक सबसे आम कारण दर्द निवारक दवाइयां हैं. हालांकि कई प्रकार की दर्द निवारक दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन ओपिओइड दर्दनाशक दवाओं को मध्यम से गंभीर दर्द के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) द्वारा अनुमोदित किया गया है. इस प्रकार, ये तीव्र, कैंसर-संबंधी, तंत्रिका-संबंधी और जीवन के अंतिम चरण में पहुंच चुके दर्द से पीड़ित मरीज़ों के लिए एक आम विकल्प हैं. पुराने दर्द के लिए ओपिओइड दर्दनाशक दवाओं का प्रयोग विवादास्पद है और इसके मानक अनिश्चित हैं.
1990 के दशक में, गंभीर दर्द का उचित उपचार करने में स्वास्थ्य पेशेवरों की लगातार विफलता के कारण ओपिओइड दर्दनाशक दवाओं के इस्तेमाल में वृद्धि हुई. दुर्भाग्य से, इसके परिणामस्वरूप दवाओं का अत्यधिक उपयोग, दवाओं का दुरुपयोग, ओपिओइड उपयोग विकार और ओवरडोज़ में वृद्धि हुई. समस्या यह है कि स्वास्थ्य पेशेवर या तो मरीजों का कम इलाज करते हैं, जिससे उन्हें अनावश्यक पीड़ा होती है, या फिर उनका ज़रूरत से ज़्यादा इलाज करते हैं, जिससे ओपिओइड दर्दनाशक दवाओं के उपयोग विकार और संभावित ओवरडोज़ जैसे प्रतिकूल प्रभाव हो सकते है
गौरतलब है कि पीएम मोदी देश को नशा मुक्त बनाना चाहते हैं. नशा मुक्त भारत के तहत पूरे देश के राज्यों में भी नशा मुक्ति या ड्रग फ्री अभियान चल रहा है. उत्तराखंड में भी नशा मुक्त उत्तराखंड अभियान जोर शोर से चल रहा है. राज्य के सभी जिलों में नशा तस्करी और नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई चल रही है. पुलिस विभाग द्वारा उत्तराखंड में नशे के खिलाफ अभियान चलाने के दौरान कुछ जरूरी कठोर कदम उठाने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसमें ऑनलाइन क्रिमिनल हिस्ट्री रिकॉर्ड तैयार करने के लिए मानस पोर्टल का बेहतर उपयोग करने को कहा गया है. वहीं, ड्रग से जुड़े माफिया की बेनामी संपत्तियों पर भी कार्रवाई करने के निर्देश हुए हैं.
