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गौवंश के लिए जानलेवा है टिक्स, एक क्लिक में जानिये कैसे दूर होगी ये समस्या

रुद्रप्रयाग: निराश्रित गौवंश के संरक्षण को लेकर रुद्रप्रयाग जिले में गौ रक्षा विभाग की टीम लगातार कार्य कर रही है. पिछले पांच सालों से विभाग की टीम निराश्रित गौवंश का ट्रीटमेंट और उनके लिए आशियाना तैयार कर रही है. जिससे इनका संरक्षण व संवर्द्धन हो सके. पशुपालन विभाग के सहयोग से पपड़ासू स्थित गौसदन में निराश्रित गौवंश का उपचार करने के साथ ही उन्हें एफएमडी वैक्सीन लगाए गये.

पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अजय प्रकाश ने कहा गौ रक्षा विभाग जिले में सक्रिय भूमिका निभाते हुए निराश्रित गौवंश की सेवा कर रहा है. पपड़ासू स्थित गोसदन में पचास के करीब निराश्रित गौवंश को रखा गया है, जहां पर उनकी देख-रेख की जा रही है. पशुपालन विभाग की टीम ने गौसदन पहुंचकर कमजोर, बीमार गौवंश का ट्रीटमेंट किया. साथ ही कैल्शियम भी वितरित किया. उन्होंने कहा शारीरिक विकास के लिए कैल्शियम पशुओं के लिए आवश्यक प्रमुख पोषक तत्वों में से एक है. गौसदन में टिक्स की समस्या से जूझ रहे गौवंश पर इंजेक्शन लगाए गए. पशुओं में टिक्स छोटे परजीवी होते हैं, जो खून चूसते हैं. ये रक्त-जनित रोग फैलाते हैं. जिससे कमज़ोरी, एनीमिया की शिकायत होती है.

टिक्स की समस्या से निपटने के लिए नीम के कीटनाशक का प्रयोग किया जा सकता है. इसके साथ ही सेब का सिरका, बेकिंग सोडा, नमक का घोल भी इसके लिए काफी प्रभावी हो सकता है. उन्होंने बताया खुरपक्का-मुहपक्का रोग के बचाव को लेकर पशुओं को टीकाकरण किया गया. जिसे एफएमडी वैक्सीन कहा जाता है. यह एक निष्क्रिय टीका है, जिसे पशुओं को खुरपक्का-मुहपक्का रोग से बचाने के लिए लगाया जाता है. यह रोग एक अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारी है. गौ रक्षा विभाग ट्रस्ट के अध्यक्ष आर डिमरी ने कहा विभाग की टीम जहां शहरी इलाकों में निराश्रित गौवंश के संरक्षण को लेकर आवाज उठा रहा है, वहीं इनके ट्रीटमेंट का भी कार्य कर रहा है. ग्रामीण इलाकों के असामाजिक लोग मवेशियों का उपयोग करने के बाद उन्हें मरने के लिए सड़कों में छोड़ रहे हैं. जिससे वाहनों की चपेट में निराश्रित गौवंश घायल व चोटिल हो रहे हैं. ऐसे में गौ रक्षा विभाग की टीम तत्परता से इनका उपचार कर इनके जीवन को बचा रही है. उन्होंने कहा पपड़ासू स्थित गौ रक्षा विभाग के गौसदन में निराश्रित गौवंश का संरक्षण हो रहा है. पशुपालन विभाग की टीम समय-समय पर इनका उपचार के साथ ही टीकाकरण का काम कर रही है.

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