
देहरादून: उत्तराखंड राज्य में वित्तीय वर्ष 2025-26 में राजस्व प्राप्ति की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्व वसूली बढ़ाने पर फोकस करते हुए तय लक्ष्य को समय से पूरा किया जाए. इसके साथ ही संबंधित विभागों के उच्च अधिकारियों और जिलाधिकारियों की ओर से जिला में इसकी लगातार मॉनिटरिंग भी की जाए. प्रदेश में टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के लिए एआई आधारित तकनीक का अधिक से अधिक इस्तेमाल भी किया जाए.
इसके साथ ही निबंधन और रजिस्ट्रेशन से संबंधित सभी कामों का डिजिटाइजेशन किया जाए. सब रजिस्ट्रार कार्यालयों का जिलाधिकारियों और संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से नियमित रूप से निरीक्षण किया जाए. रजिस्ट्री के दौरान संपत्ति का उचित मूल्य दर्ज हो, इसकी जांच के लिए संपत्तियों का स्थलीय निरीक्षण भी किया जाए. साथ ही सीएम ने प्रदेश से बाहर के वाहनों से ग्रीन सेस लेने की कार्रवाई में लेटलतीफी पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने परिवहन विभाग को ग्रीन सेस की वसूली जल्द शुरू करने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पर्यावरण संरक्षण का ध्यान रखते हुए राज्य के हित में वन संपदा का सही उपयोग किया जाए. तराई क्षेत्रों में कमर्शियल प्लांटेशन और जड़ी-बूटियों के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए ठोस योजना बनाई जाए.
सीएम धामी ने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए राजस्व में बढ़ोतरी करना सरकार की पहली प्राथमिकता है. इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने के संकल्प को साकार करने के लिए संसाधन बढ़ाने के लिए मिशन मोड में लागू किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विशेष श्रेणी के राज्यों में उत्तराखंड को शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ है. साथ ही, खनन सुधारों में बेहतर प्रदर्शन के लिए राज्य को 200 करोड़ की केंद्रीय प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है, जो राज्य के सही दिशा में बढ़ने का परिचायक है. वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 24 हजार 15 करोड़ का टैक्स राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें अब तक 62 प्रतिशत से अधिक प्राप्ति हो चुकी है.
सीएम ने संबंधित विभागों से आगामी अवधि में लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा करने के लिए समन्वित और सक्रिय प्रयास किए जाने के निर्देश दिए. राज्य सरकार दीर्घकालिक आर्थिक सुदृढ़ता के लिए पूंजीगत निवेश पर विशेष बल दे रही है. पूंजीगत व्यय में 34 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जिससे राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को नई गति मिलेगी और स्थायी परिसंपत्तियों का निर्माण होगा. उन्होंने कहा कि वित्तीय प्रबंधन को आधुनिक और उत्तरदायी बनाने के लिए नीति सुधार, नवाचार और नई तकनीकों पर निरंतर ध्यान दिया जाना जरूरी है. पारदर्शिता, जवाबदेह और जनहित में ठोस परिणाम देने वाला प्रशासन हमारा उद्देश्य है. जिसके लिए सभी अधिकारियों को कड़े वित्तीय अनुशासन, बेहतर प्रबंधन और सामूहिक उत्तरदायित्व के साथ कार्य में जुटे रहना होगा.
