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नम आंखों से भक्तों ने मां नंदा सुनंदा को किया विदा, शोभा यात्रा में उमड़ी भीड़, लखिया भूत ने मोहा

नैनीताल: कुमाऊं की कुल देवी के रूप में पूजी जाने वाली मां नंदा-सुनंदा की आज अपने मायके से हिमालय अपने ससुराल को विदाई कर दी गई है. मां नंदा-सुनंदा के मायके आने और फिर ससुराल विदा होने की इस पौराणिक परंपरा के तहत नैनीताल में मां नंदा-सुनंदा के डोले की भव्य शोभा यात्रा निकाली जाती है. इस यात्रा में आज हजारों की संख्या में मां के भक्तों ने शिरकत की.

कुल देवी मां नंदा-सुनंदा को ससुराल विदा करने के लिए नैनीताल में भक्तों का जन सैलाब उमड़ा था. देर शाम नैनीझील में पाषाण देवी मंदिर के पास से मां नंदा-सुनंदा की प्रतिमाओं को विसर्जित कर दिया जाएगा. बता दें कि मां नंदा-सुनंदा कुमाऊं की कुल देवी के रूप में पूजी जाती हैं. ऐसा माना जाता है कि हर वर्ष मां नंदा-सुनंदा अपने मायके यानी कुमाऊं की धरती पर पधारती हैं.

मां के जयकारों से गूंज उठा मंदिर परिसर: बीती अष्टमी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद मां नंदा-सुनंदा का आगमन हुआ था. इस बीच भक्तों ने मां के दर्शन कर आराधना की. मां नैना देवी मंदिर से आज 12 बजे पारंपरिक डोला यात्रा निकाली गई. इस दौरान पूरा मंदिर परिसर मां के जयकारों से गूंज उठा था. मां की डोला यात्रा मल्लीताल, लोअर माल रोड, तल्लीताल बाजार और चीना बाबा मंदिर होते हुए वापस नैना देवी मंदिर तक पहुंचा. भक्त मां को विदा करने नाच-गाकर, जयकारों के साथ शामिल हुए

कुमाऊं के विभिन्न शहरों से आए बैंड-बाजों और छोलिया नृत्य दलों ने भक्तिमय प्रस्तुतियों से माहौल को और भी भव्य बना दिया. सुबह से ही भक्तों का जनसैलाब मंदिर में उमड़ पड़ा. मां के दर्शन और विदाई के लिए नैनीताल ही नहीं बल्कि हल्द्वानी, रामनगर, काशीपुर और रुद्रपुर से भी हजारों की संख्या में भक्त पहुंचे. नगर के अलावा विभिन्न क्षेत्रों से आए बैंड कलाकारों और पारंपरिक छोलिया नर्तकों ने शानदार प्रस्तुति दी.

पिथौरागढ़ से पहुंचा लखिया भूत: इस वर्ष महोत्सव का विशेष आकर्षण पिथौरागढ़ से आई सांस्कृतिक टीम का लखिया भूत नृत्य था. पारंपरिक वेशभूषा और लोक-धुनों से सजी इस प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. नंदा देवी महोत्सव में जिला पर्यटन विकास विभाग की ओर से लाखिया भूत की नाट्य प्रस्तुति कराई गई.

नेपाल से लाया गया था लखिया भूत: नाटक का नेतृत्व कर रहे कैलाश जोशी ने बताया कि लखिया भूत को देवी का रक्षक माना जाता है, जिसके लिए उसे डोले के आगे भ्रमण कराया जाता है. पिथौरागढ़ में लखिया भूत को नेपाल से लाया गया था, जिसे पिथौरागढ़ के महर लोगों को नेपाल के राजा ने तोहफे में दिया था. लखिया भूत वापस नेपाल न चले जाए, इसीलिए उसे बांध कर रखा जाता है.

स्थानीय निवासी चंदन जोशी ने बताया कि आज मां नंदा सुनंदा को कैलाश विदा कर दिया जाएगा. साथ ही नैनीताल के आसपास के इलाकों में नन्दा देवी डोले को लेकर काफी उत्साह देखा गया. शहर के आसपास के क्षेत्र के लोग भी मां नंदा देवी के डोले के दर्शन करने के लिए यहां पहुंचे हुए हैं. वहीं स्थानीय निवासी डोल्मा बताती हैं कि मां नंदा सुनंदा त्योहार साल में एक बार आता है, जिसको लेकर काफ़ी इंतजार रहता है.

वहीं स्थानीय निवासी दीपा रौतेला बताती हैं कि मां नंदा देवी महोत्सव का सालभर से बेसब्री से इंतजार रहता है. बताया कि सुबह बारिश के चलते भी अभी मौसम सुहावना बना हुआ है, जिससे हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे हैं.

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम: शोभा यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता-इंतजाम किए हुए थे. एसपी क्राइम डॉ. जगदीश चन्द्रा बताते हैं कि आज दोपहर 12 बजे से शोभा यात्रा शुरू हुई. पुलिस प्रशासन की ओर कड़ी तैयारी की गई है. भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है. जिसमें भीड़ को नियंत्रित रहे है. फायर ब्रिगेड व पुलिस के वाहन भी भीड़ के साथ ही चल रहे हैं. नैनी झील में सुरक्षा को लेकर एसडीआरएफ की टीम तैनात की हुई है. पूरे मेले को पुलिस अपने नियंत्रण में संचालित कर रही है. ड्रोन के माध्यम से भी नजर रखी जा रही है. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए करीब डेढ़ सौ पुलिसकर्मी लगाए गए हैं. चप्पे चप्पे पर पुलिस द्वारा पैनी नजर रखी जा रही है.

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