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नये रूप में काशीपुर में 118 साल पुरानी रामलीला, वृंदावन से बुलाये गये कलाकार

काशीपुर: उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर में 118 साल पुरानी रामलीला का नारद मोह और मनु शत्रुपा के मंचन के साथ भव्य शुभारंभ हो गया है. रामलीला का शुभारंभ काशीपुर के विधायक त्रिलोक सिंह चीमा और नगर निगम के मेयर दीपक बाली और पीसीयू अध्यक्ष राम मेहरोत्रा के साथ-साथ अन्य गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्वलित कर तथा फीता काटकर किया.

काशीपुर में रामनगर रोड स्थित श्री रामलीला मैदान में श्री रामलीला कमेटी के तत्वाधान में 118 साल पुरानी पायते वाली रामलीला का पूरे विधि विधान एवं पूजन के साथ शुभारंभ किया गया. पायते वाली रामलीला का शुभारंभ स्थानीय विधायक त्रिलोक सिंह चीमा और नगर निगम के महापौर दीपक बाली और पीसीयू चैयरमैन राम मेहरोत्रा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर एवं फीता काटकर किया. इस दौरान श्री रामलीला कमेटी के सभी सदस्यों पदाधिकारियों तथा कलाकारों ने सरस्वती वंदना भगवान श्री राम की आरती गाकर रामलीला का मंचन शुरू किया.

श्री रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया यह रामलीला काशीपुर की सबसे पुरानी रामलीला है. जिसमें स्थानीय कलाकारों के द्वारा मंचन किया जाता रहा है. महिला कलाकारों के अभाव में अब कमेटी ने वृंदावन के कलाकारों की तरफ रुख कर लिया है. इस बार वृंदावन से जगदीश कौशिक के नेतृत्व में कलाकार रामलीला का मंचन करेंगे. इस रामलीला को देखने के लिए काशीपुर तथा आसपास के क्षेत्रों से सैकड़ों की संख्या में लोग आते हैं. इस वर्ष यह रामलीला 18 सितंबर से शुरू होकर 4 अक्टूबर तक चलेगी. जिसमें 2 अक्टूबर को दशहरे के पर्व पर रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. जिसके बाद 4 अक्टूबर को इस वर्ष की रामलीला का समापन होगा.

इस मौके पर काशीपुर विधायक त्रिलोक सिंह चीमा ने कहा कि रामलीला के माध्यम से हमें मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन के बारे में पता चलता है. रामलीला मंचन के माध्यम से कलाकार मनोरंजन के साथ-साथ समाज को एक संदेश और सही और गलत को जानने की सीख भी देते हैं. उन्होंने कहा वह यह चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग आकर रामलीला देखें. इस दौरान नगर निगम काशीपुर के मेयर दीपक बाली ने कमेटी को 118 साल पूरे करने पर शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा भगवान राम हमारे मार्गदर्शक बीच में हैं. काशीपुर की जनता को लीला देखने आना चाहिए. हमें जीवन में सही और गलत का फर्क पता रहेगा. इससे हमें मर्यादा पुरुषोत्तम के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती रहेगी. हम समाज में सेवा भाव की भावना के साथ काम करते रहेंगे. ज्यादा से ज्यादा लीला का मंचन देखने आएं. भगवान राम की शिक्षा को जीवन में ग्रहण करें.

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