
नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 14 अगस्त 2025 को नैनीताल जिला पंचायत के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के चुनाव में हुए बवाल व 5 जिला पंचायत सदस्यो के अपहरण व चुनांव में डाले गए एक मतपत्र में ओवर राइटिंग की शिकायत व जिला पंचायत चुनाव में रि पोलिंग तथा निष्पक्ष चुनाव कराने को लेकर स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने सुनवाई कल 18 दिसम्बर को भी जारी रखी है.
सुनवाई पर राज्य सरकार की तरफ से कहा गया घटना के बाद पुलिस ने छः मुकदमे दर्ज किये हैं. जिनकी जांच अलग अलग चल रही है. जिसकी वजह से जांच में विलंब हो रहा है, इसलिए सभी मुकदमो की एक साथ जांच कराने के आदेश दे दिए जाएं. साथ मेX सरकार की तरफ से यह भी कहा गया कि घटना के समय यशपाल आर्य , संजीव आर्य, भुवन कापड़ी, सुमित हृदेश व लाखन नेगी मौजूद थे. ये वहां क्या कर रहे थे? इसकी भी जांच कराई जाये. आज भी पांचों बीडीसी सदस्य कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए.आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खण्डपीठ में हुई.
मामले के अनुस्सर 14 अगस्त को कोर्ट ने नैनीताल के जिला पंचायत के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव के दौरान उनके सदस्यों का अपहरण करने के मामले में कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था. जिसमें कई जीते हुए सदस्यों ने न्यायलय की शरण भी ली थी. बीडीसी सदस्य पूनम बिष्ट ने उच्च न्यायालय में एक अन्य याचिका दायर कर कहा है कि नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में एक मतपत्र में ओवर राइटिंग कर क्रमांक 1 को 2 कर अमान्य घोषित कर दिया गया. याचिका में कोर्ट से जिलाध्यक्ष पद के लिए पुनः मतदान कराए जाने की प्रार्थना की है.
