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पहाड़ी उत्पाद ग्रामीण महिलाओं को बना रही आत्मनिर्भर, जानिए क्या है खास

रुद्रप्रयाग: जनपद में ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निरंतर प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं. इन्हीं प्रयासों का सकारात्मक परिणाम ऊखीमठ क्षेत्र में देखने को मिल रहा है, जहां स्थानीय महिलाएं अपने श्रम और आत्मविश्वास के बल पर आर्थिक रूप से सशक्त बन रही हैं.

परोसे जाते हैं पहाड़ी उत्पाद: जिला प्रशासन, एनआरएलएम एवं हिमोउत्थान सोसायटी के सहयोग से ऊखीमठ में महिलाओं द्वारा संचालित “हिलान्स कैफे एवं रेस्टोरेंट” आज आत्मनिर्भरता की एक प्रेरणादायक मिसाल बन चुका है. इस कैफे में महिलाओं द्वारा स्थानीय पहाड़ी उत्पादों से तैयार पारंपरिक और शुद्ध पहाड़ी व्यंजन परोसे जाते हैं, जिन्हें पर्यटक और तीर्थ यात्री खासा पसंद कर रहे हैं.

महिलाओं के हाथों में कमान: हिलान्स कैफे एवं रेस्टोरेंट का संचालन पूरी तरह महिलाओं के हाथों में है, जहां नियमित रूप से 5 से 7 महिलाएं कार्यरत हैं. यह पहल न केवल महिलाओं को स्थायी रोजगार उपलब्ध करा रही है, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रही है. चालू वित्तीय वर्ष में इस कैफे के माध्यम से लगभग 14 लाख रुपये की आय अर्जित की गई है, जो महिलाओं की मेहनत, समर्पण और सरकारी सहयोग की सफलता को दर्शाता है.

महिलाओं को दिया जाता है प्रशिक्षण: खंड विकास अधिकारी ऊखीमठ, अनुष्का ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा महिलाओं को हरसंभव सहयोग प्रदान किया जा रहा है. समय-समय पर विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है, जिससे वे स्वरोजगार से जुड़कर आगे बढ़ सकें.

ऑर्गेनिक पहाड़ी भोजन: हिलान्स कैफे एवं रेस्टोरेंट का संचालन कर रही बीरा देवी ने बताया कि कैफे में पूरी तरह से ऑर्गेनिक पहाड़ी भोजन तैयार किया जाता है, जिसे लोग बेहद पसंद करते हैं. उन्होंने कहा कि पहले महिलाएं केवल घरेलू कार्यों तक सीमित थीं, लेकिन अब वे रोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही हैं और उनकी आजीविका में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. यह पहल ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण, स्वरोजगार को बढ़ावा देने और स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सराहनीय एवं अनुकरणीय कदम साबित हो रही है.

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