
नैनीताल: उत्तराखंड में मानसून की बारिश ने हर जगह तबाही मचा रहा है. नैनीताल जिले में भी 36 घंटों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते बजून गांव के दूदिला तोक में भारी नुकसान पहुंचाया है. जहां भूस्खलन ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया. पहाड़ी से भू कटाव होने से मलबा आ गिरा. जिसकी चपेट में दो मंजिला मकान आ गया. जिसके चलते गौशाला में बंधे मवेशी जिंदा दब गए. गनीमत रही कि घटना के वक्त परिवार मकान में मौजूद नहीं था. जिससे कोई जनहानि नहीं हुई.
दूदिला तोक में मकान से दबे मवेशी: जानकारी के मुताबिक, गैरीखेत–अकशु मोटरमार्ग पर पहाड़ी से भू कटाव होने से दूदिला तोक में मलबा आ गिरा. जिससे हरेंद्र सिंह के दो मंजिला भवन, एक गौशाला, दो गाय, दो बैंस, दो बछिया और एक घोड़ा दफन हो गए. साथ ही करीब 20 नाली कृषि भूमि मलबे से तबाह हो गई. जिससे परिवार के सामने आजीविका संकट खड़ा हो गया है. पीड़ित हरेंद्र सिंह ने शासन प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाई है.
“पिछले साल 14 सितंबर को भी यहां पर मलबा आया था. जिसमें उनका आधा मकान क्षतिग्रस्त हुआ था. इस घटना के बाद से ग्रामीण भूस्खलन जोन की स्थायी उपचार की मांग कर रहे थे, लेकिन उनकी समस्या पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. जिससे आज गांव में आपदा जैसे हालात पैदा हो गए हैं.“- भूपाल सिंह, स्थानीय ग्रामीण
ग्रामीणों को सताता है डर: ग्रामीणों का कहना है कि थोड़ी से बारिश होने पर उन्हें किसी अनहोनी का डर सताने लगता है. रात को वो सही से सो भी नहीं पाते हैं. उन्होंने सराकर से उनकी सुध लेने की गुहार लगाई है. उन्होंने स्लाइडिंग जोन का ट्रीटमेंट के साथ मुआवजे की मांग उठाई है.
“जिस क्षेत्र में मलबा गिरा है, वो पहले से ही स्लाइडिंग जोन है. पहले भी मलबा गिरने के चलते नीचे परिवारों को शिफ्ट करा दिया गया था. जिसके चलते कोई जनहानि नहीं हुई है. लोनिवि, राजस्व, पशुपालन की टीम के साथ निरीक्षण कर लिया गया है. जल्द से जल्द ट्रीटमेंट करा दिया जाएगा.” – नवाजिश खालिक, एसडीएम
बता दें कि नैनीताल जिले में कई गांव ऐसे हैं, जो काफी डेंजर जगह पर हैं. इस बार मानसून सीजन में काफी नुकसान पहुंचा. चाहे वो धराली हो या थराली. पौड़ी हो या रुद्रप्रयाग का बसुकेदार और छेनागाड. जहां मलबे से सब कुछ धराशायी कर दिया. चमोली के नंदानगर में भी कमोबेश ऐसे ही हालात देखने को मिले. जहां कई लोगों को अपना आशियाना छोड़ना पड़ा है. वहीं, इस बार आपदा में कई लोगों की जान गई है तो कई अभी भी लापता हैं.