Site icon उत्तराखंड DISCOVERY

पौड़ी में बारिश के बाद कंडोलिया पार्क के पास बनी ‘झील’, युवाओं ने किया अनोखा विरोध प्रदर्शन

पौड़ी: शहर में लगातार हो रही भारी बारिश से जहां आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है. बारिश के कारण कंडोलिया पार्क के समीप जलभराव की समस्या अब मज़ाक का विषय बन गई है. भारी बारिश के बाद यहां पर इतना पानी भर गया कि स्थानीय लोगों ने इसे झील का नाम दे दिया है. स्थानीय युवाओं ने जलभराव के विरोध में एक अनोखा तरीका अपनाया.

युवाओं ने रिबन काटकर ‘नई झील’ का उद्घाटन किया. युवाओं ने व्यंग्य करते हुए सरकार से यहां नौकायन (बोटिंग) की व्यवस्था शुरू करने की मांग की. युवाओं का कहना है कि लंबे समय से यहां पर ड्रेनेज की समस्या बनी हुई है. हर बारिश के बाद सड़क तालाब का रूप ले लेती है. जिससे पैदल चलने वालों और दोपहिया वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

युवाओं ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि हर साल भारी बारिश के दौरान यहां जलभराव की स्थिति पैदा हो जाती है. जिससे यहां से गुजरने वाले राहगीर, स्कूल-कॉलेज के बच्चे और दोपहिया वाहन चालक सबसे ज्यादा परेशान होते हैं. अक्सर लोग पानी में फिसल जाते हैं या उनके वाहन बंद हो जाते हैं, लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि आंख मूंदे बैठे हैं. प्रदर्शनकारी युवाओं ने कटाक्ष करते हुए कहा कि यदि प्रशासन ड्रेनेज की समस्या का समाधान नहीं कर सकता तो यहां पर वोटिंग (नौकायन) की शुरुआत करे. इससे न सिर्फ युवाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि यह झील पौड़ी शहर का नया पर्यटन स्थल भी बन जाएगी.

युवाओं ने सरकार को घेरते हुए कहा कि ल्वली झील पर करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद आज तक वहां पर्यटन गतिविधियां शुरू नहीं हो सकीं, जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे में इस प्राकृतिक झील को ही आकर्षण का केंद्र बना दिया जाये. युवाओं ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जिले के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे इस समस्या को जानते हुए भी मूकदर्शक बने हुए हैं. जनता की मुश्किलों पर उनकी चुप्पी शर्मनाक है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही ड्रेनेज की समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकाला गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.

वहीं, राहगीरों का कहना है कि बारिश होते ही सड़क तालाब में तब्दील हो जाती है. यहां से गुजरना मुश्किल हो जाता है, खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह रास्ता बेहद खतरनाक साबित हो रहा है. वर्षों से समस्या जस की तस बनी हुई है. इसका समाधान होना जरुरी है.उन्होंने कहा कि इस मार्ग से रोजाना जिले के कई वरिष्ठ अधिकारी, जिलाधिकारी और सीडीओ तक गुजरते हैं, लेकिन अब तक इस स्थायी समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं.

Exit mobile version