Site icon उत्तराखंड DISCOVERY

फिर विवादों में देहरादून ग्रीन बिल्डिंग, निरीक्षण में मिली कई खामियां, रिपोर्ट हुई तैयार

देहरादून: मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल ग्रीन बिल्डिंग लगातार विवादों में घिरती जा रही है. इस बिल्डिंग की तय सीमा पूरी हो चुकी है. अभी तक इसका करीब 15 प्रतिशत काम पूरा हुआ है. कंपनी ने इसका समय आगे बढ़ा दिया है. अब इस ग्रीन बिल्डिंग में नया विवाद समाने आया है. निर्माणाधीन ग्रीन बिल्डिंग की शिकायत के बाद लख्खीबाग चौकी प्रभारी ने मौके पर पहुंच कर पूछताछ की. उन्हें मौके पर कई खामियां मिली. जिसके बाद चौकी प्रभारी ने रिपोर्ट तैयार कर सिटी मजिस्ट्रेट को सौंप दी है. रिपोर्ट में एक्शन को जरूरी बताया गया है.

मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण साल 2024 से शुरू हुआ था. इसका बजट शुरुआत में 188 करोड़ रुपए था. बाद में यह बढ़ कर 216 करोड़ रुपए हो गया. ग्रीन बिल्डिंग को बनाने की तय सीमा अक्टूबर 2025 तक थी, लेकिन अब तक इस बिल्डिंग का केवल 15 फीसदी काम हो पाया है. जिसके बाद कंपनी को राजपुर विधायक खजानदास और जिलाधिकारी फटकार लगा चुके हैं.

अब इस बिल्डिंग में नया मामला सामने आया है. जिसमें शिकायत पर लख्खीबाग चौकी प्रभारी आशीष कुमार निर्माणधीन ग्रीन बिल्डिंग पर पहुंचे. उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट भेज कर साफ-साफ लिखा है कि ठेकेदार की ओर से अवैध खनन किया जा रहा है. यही नहीं निर्माण कार्य में लगाये गये श्रमिकों का भी सत्यापन नहीं किया गया है. खनन कार्य में लगे वाहनों के दस्तावेज भी पूरे नहीं हैं.

मई 2024 को भी आरएमसी प्लांट को स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सील किया था.उसके बाद जिलाधिकारी ने भी ठेकेदार को फटकार लगाई थी. अब एक बार फिर ठेकेदार ने साइट पर अवैध रूप से खनन का काम शुरू कर दिया है. साइट से जेसीबी की मदद से मिट्टी उठाई जा रही है, जबकि इसके लिए भी अनुमति लेनी पड़ती है.

लख्खीबाग चौकी प्रभारी आशीष कुमार ने बताया शिकायत मिलने के बाद वे साइट पर पहुंचे. उन्होंने खनन संबंधी दस्तावेज दिखाने को कहा. जिम्मेदार ये कागजात नहीं दिखा पाये. साइट पर लगी मशीनों के दस्तावेज भी नहीं थे. पूछताछ में पता चला कि यहां काम कर रहे श्रमिकों का सत्यापन भी नहीं किया गया है. ग्रीन बिल्डिंग का काम कर रही कंस्ट्रक्शन कंपनी की ओर से पूरी तरह से मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है. इस कारण अवैध प्रतीत होता है. यह सभी रिपोर्ट तैयार करके सिटी मजिस्ट्रेट को सौंप दी गई है.

Exit mobile version