Site icon उत्तराखंड DISCOVERY

मध्यमहेश्वर ट्रैक पर लापता ट्रैकर का कोई सुराग नहीं, लोकेशन तलाशने में जुटे बचाव दल

रुद्रप्रयाग: प्रसिद्ध मध्यमहेश्वर पैदल ट्रैक पर ट्रैकिंग के लिए गए 8 सदस्यों के दल में से एक ट्रैकर लापता हो गया था, जिसकी खोजबीन लगातार जारी है. ट्रैकर देहरादून का रहने वाला एक युवा है, जो अपने दोस्तों के साथ से बिछड़ गया है. चार दिनों से इस ट्रैकर का कुछ पता नहीं चल पाया है.

विगत 10 नवम्बर रात्रि लगभग दस बजे पुलिस कंट्रोल रूम को दूरभाष के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि मध्यमहेश्वर पैदल ट्रैक पर गए 8 सदस्यों के दल में से एक सदस्य वासू फरासी (22), निवासी डांडा खुदानेवाला, सहस्त्रधारा रोड, देहरादून अपने साथियों से बिछड़ गया है और उसका कोई पता नहीं चल पा रहा है. सूचना प्राप्त होते ही आपदा परिचालन केन्द्र रुद्रप्रयाग द्वारा शीघ्र संबंधित राजस्व उपनिरीक्षक रांसी, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ एवं पुलिस टीमों को सूचित कर रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया.

वर्तमान में भी पुलिस, एसडीआरएफ एवं डीडीआरएफ की संयुक्त टीमें स्थल पर पहुंचकर लगातार सघन तलाशी अभियान चला रही हैं. टीमों द्वारा 2 ड्रोन की सहायता से भी लापता ट्रैकर की खोज की जा रही है. जिला प्रशासन द्वारा घटना की सतत निगरानी की जा रही है तथा संबंधित अधिकारियों को शीघ्र लापता ट्रैकर को खोजने के निर्देश दिए गए हैं. ट्रैकर की पैदल मार्ग सहित अन्य स्थानों पर खोजबीन की जा रही है, लेकिन अभी तक ट्रैकर का कुछ पता नहीं चल पाया है.

घुरल का अवैध शिकार करने वाला आरोपी हिरासत में: रुद्रप्रयाग में हिमालयन घुरल का अवैध शिकार करने वाले आरोपी को हिरासत में लिया गया. जिसके बाद आरोपी को वन विभाग ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है. वन प्रभाग को गुप्तकाशी यूनिट के अंतर्गत ग्राम राऊलैंक निवासी बृजमोहन नेगी द्वारा हिमालयन घुरल का अवैध शिकार कर अपने घर पर मांस पकाने की सूचना प्राप्त हुई. सूचना मिलते ही वन विभाग की संयुक्त टीम घटना स्थल पर पहुंची, जहां अभियुक्त से पूछताछ करने पर उसके व परिजनों द्वारा हिमालयन घुरल का शिकार करने तथा अपने घर पर मांस को पकाने के अपराध को स्वीकार किया गया.

उप प्रभागीय वनाधिकारी डीएस पुंडीर ने बताया कि शिकार वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथा संशोधित 2022 की धारा-9, 39, 44 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है. उन्होंने बताया कि वन विभाग की टीम ने अभियुक्त को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथा संशोधित 2022 के अंतर्गत हिमालयन घुरल अनुसूची प्रथम का अवैध शिकार करने तथा वन्यजीव का मांस पकाने जैसे कारित अपराध के लिए हिरासत में लिया. साथ ही उक्त अभियुक्त को वन क्षेत्राधिकारी गुप्तकाशी यूनिट द्वारा न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया. अभियुक्त को न्यायालय द्वारा न्यायिक अभिरक्षा में रखा गया है.

Exit mobile version