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मुनस्यारी का बनकटिया बेस कैंप बना कुमाऊं का ‘ट्रेक आफ द ईयर’, जानें कैसे पहुंचें यहां

पिथौरागढ़: पर्यटन प्रदेश उत्तराखंड में पर्यटकों को रिझाने के लिए बहुत से ट्रेक बने हुए हैं. पर्यटन विभाग हर वर्ष विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर पर्यटकों को उत्तराखंड की ओर खीचने का प्रयास करता है. पिथौरागढ़ जिले में भी पर्यटन की आपार संभावनाएं हैं. पिथौरागढ़ जिले में मुनस्यारी से लेकर चौकोड़ी प्रमुख पर्यटक स्थल हैं. उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने इस बार कुमाऊं के एक पर्यटन स्थल को ट्रेक ऑफ द ईयर घोषित किया है.

बनकटिया बेस कैंप बना ट्रेक ऑफ द ईयर: प्रदेश के पर्यटन विभाग ने मुनस्यारी तहसील के मल्ला जोहार में स्थित बनकटिया बेस कैंप को वर्ष 2025 का ट्रेक ऑफ द ईयर (Trek of the Year) घोषित किया है. कुमाऊं मंडल में इस वर्ष सिर्फ एक ट्रेक ऑफ द ईयर घोषित किया गया है. सितंबर के अंत से बनकटिया से लास्पा ग्लेशियर तक पर्यटकों को ट्रेकिंग कराई जायेगी.

पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से 80 किमी दूर है बनकटिया बेस कैंप: पर्यटन विभाग की ओर से हर वर्ष अलग-अलग क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ट्रेक आफ द ईयर की घोषणा की जाती है. इसका उद्देश्य प्रदेश के साथ ही अन्य राज्यों और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करना है. बनकटिया बेस कैंप जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ से लगभग 80 किलोमीटर दूरी पर है. इसकी सुंदरता देखते ही बनती है.अंतिम बेस कैंप है बनकटिया: तल्ला जोहार जहां तक रोड है वहां से सोन बनकटिया बेस कैम्प की दूरी करीब 5–6 किमी है. यहां की ऊंचाई 3,500 मीटर है. यह अंतिम बेस कैम्प है. यहां से सीधे पंचाचूली ग्लेशियर तक ट्रेक किया जाता है. यहां चारों तरफ बर्फ से ढकी चोटियों और ग्लेशियर का अद्भुत नजारा होता है.

पंचाचूली से दिखती हैं पांचों चोटियां: बनकटिया बेस कैंप से पंचाचूली ग्लेशियर व्यू प्वाइंट की दूरी करीब 3 से 4 किलोमीटर है. यहां पहुंच कर पांचों पंचाचूली चोटियों (6,900 मीटर तक) का अद्भुत नज़ारा देख सकते हैं. ये पूरा ट्रेक आम तौर पर 6–7 दिन का होता है. यहां ट्रेकिंग का सबसे अच्छा समय मई–जून और सितम्बर–अक्टूबर है.

कैसे पहुंचें बनकटिया बेस कैंप? उत्तराखंड का बनकटिया बेस कैंप पिथौरागढ़ जिले में स्थित है. यहां पहुंचने के दो रास्ते हैं. यहां काठगोदाम और टनकपुर से पहुंचा जा सकता है. यही दोनों नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं. काठगोदाम से पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय की दूरी करीब 180 किलोमीटर है.

बनकटिया रूट पर पारंपरिक उत्तराखंड पहाड़ी मकान (Photo Sources – Local Tourists)

हल्द्वानी और काठगोदाम से केएमओयू और रोडवेज की बसें पिथौरागढ़ को चलती हैं. इसके साथ ही शेयरिंग टैक्सी और बुकिंग पर कार भी ले सकते हैं. टनकपुर से पिथौरागढ़ की दूरी करीब 150 किलोमीटर है. यहां से भी निजी बसें और रोडवेज की यात्री बस चलती हैं. इसके साथ ही निजी, किराए की या शेयरिंग टैक्सी से भी जा सकते हैं. पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से मुनस्यारी की दूरी करीब 80 किलोमीटर है.

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