
हल्द्वानी: नैनीताल जिले के हल्द्वानी में उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर पूरे प्रदेश में रजत जयंती महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इसी क्रम में शनिवार को हल्द्वानी के गौलापार स्थित अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम परिसर में ‘मातृशक्ति उत्सव’ का भव्य आयोजन किया गया. कार्यक्रम में समाज के विभिन्न क्षेत्रों शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, कला, सामाजिक सेवा और महिला सशक्तिकरण में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं को कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य के हाथों सम्मानित किया गया. इस अवसर पर स्टेडियम परिसर मातृशक्ति के उत्साह और गर्व से गूंज उठा. मंच से संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के गठन से लेकर अब तक उसकी प्रगति में महिलाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है.
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि उत्तराखंड की मातृशक्ति ने हमेशा हर मोर्चे पर अग्रणी भूमिका निभाई है, चाहे राज्य आंदोलन की बात हो या आज के समय में समाज के हर क्षेत्र में नेतृत्व की हमारी बेटियां और बहनें इस राज्य की रीढ़ हैं. रजत जयंती के इस अवसर पर उनका सम्मान राज्य के प्रति आभार और गर्व का प्रतीक हैं.
थराली में राज्य आंदोलनकारी सम्मानित: राज्य स्थापना दिवस 9 नवंबर की पूर्व संध्या पर शनिवार को रजत जयंती समारोह के तहत पिंडर घाटी में राज्य आंदोलनकारियों को तहसील कार्यालय सम्मानित किया गया.राज्य आंदोलनकारियों को फूल मालाओं एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया. उपजिलाधिकारी अबरार अहमद ने उत्तराखंड राज्य के 25 वर्ष पूरे होने पर सभी राज्यवासियों को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य का जन्म आंदोलनकारियों के त्याग, संघर्ष के बल पर हुआ है. उन्होंने सभी को राज्य के विकास में सहयोग की अपील की.
इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष ने रजत जयंती की सभी को बधाई देते हुए राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानजनक पेंशन दिए जाने एवं अन्य सुविधाएं दिए जाने की वकालत की. इस अवसर पर आंदोलनकारियों ने राज्य की स्थायी राजधानी गैरसैंण में बनाए जाने, आंदोलनकारियों को सम्मानजनक पेंशन दिए जाने, आंदोलनकारियों एवं उनके आश्रितों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के लिए ठोस प्रयास करने, चिन्हीकरण से वंचित आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण किए जाने, राज्य में रोजगार के नए अवसर खोजने समेत तमाम मांगें उठाई.
राज्य आंदोलनकारी देवी दत्त जोशी ने कहा कि शहीद मेले में स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की उच्चीकरण घोषणा की थी. लेकिन आज तक भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उच्चीकरण नहीं हो पाया है. जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. राज्य आंदोलनकारी खीमानन्द खंडूरी ने गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग की.
