सीएम धामी ने ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज को संरक्षित करते हुए खाली जमीन में आयुर्वेद एम्स बनाने के संकेत दिए। कहा कि राज्य के विकास के साथ पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन की दिशा में वृहद कार्ययोजना बनाने की तैयारी है।सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में विकास तो जरूरी है, लेकिन विरासत के संरक्षण के साथ इसको मूर्त रूप देना होगा।सीएम ने कहा कि राज्य के विकास के साथ ही पर्यावरण और जलवायु में हो रहे परिवर्तन को रोकने की दिशा में वृहद कार्ययोजना भी तैयार की जा रही है इस परिसर को संजोने का पूरा प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महामना के सपने को साकार करने के लिए उस ऐतिहासिक धरोहर को भी संजोया जाएगा। परिसर को ध्वस्त किए बिना उन्होंने आयुर्वेद एम्स के लिए अलग से व्यवस्था बनाने के संबंध में जल्द ही कार्ययोजना तैयार करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जो भी विकास कार्य होगा, उसे विरासत के साथ बनाए रखने की प्राथमिकता के साथ किया जाएगा।सीएम धामी ने कहा कि जलवायु में हो रहे परिवर्तन को लेकर भी चिंता जताई जा रही है। जलवायु परिवर्तन का असर हर वर्ष बढ़ रहा है। इसको लेकर भी नीति तैयार की जा रही है। इस दिशा में भी विचार किया जा रहा है कि जितनी हमारे राज्य की संख्या है, उससे करीब सात से आठ गुना अधिक लोग यहां आकर पर्यटन से जुड़ते हैं। प्रतिवर्ष यह संख्या कहीं न कहीं बढ़ रही है। इसके लिए अलग से व्यवस्था की मांग की गई है।
सीएम ने कहा कि विकास की गति आगे बढ़ रही है। इस बात का प्रमाण है कि नीति आयोग ने सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने का सूचकांक जो जारी किया है, उसमें उत्तराखंड देश के पहले नंबर के राज्य में आया है। हम इस पर और अच्छे से कार्य करेंगे। देश में उत्तराखंड पहले स्थान पर रहे इसको कायम रखने की भी चुनौती को स्वीकार्य किया है।