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रामनगर में जिला विकास प्राधिकरण के खिलाफ भड़के जनप्रतिनिधि, लगाए गंभीर आरोप

रामनगर: नैनीताल जिले के रामनगर में जिला विकास प्राधिकरण के खिलाफ विरोध लगातार तेज होता जा रहा है. मंगलवार को ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी के नेतृत्व में विकास खंड के कई जनप्रतिनिधियों ने एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर प्राधिकरण के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजकर ग्रामीण इलाकों से जिला विकास प्राधिकरण को समाप्त किए जाने की मांग की. संजय नेगी ने कहा कि रामनगर विधानसभा क्षेत्र के लगभग 25 ग्रामीण इलाकों में जिला विकास प्राधिकरण लागू कर ग्रामीण जनता को परेशान किया जा रहा है.

उन्होंने आरोप लगाया कि प्राधिकरण अब भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है. उन्होंने कहा कि रामनगर के कई गांव पहले से ही फॉरेस्ट लैंड और फलपट्टी क्षेत्र में आते हैं, जिससे ग्रामीणों को जमीन पर लोन या 143 की अनुमति नहीं मिल पा रही है. ऐसे में प्राधिकरण के नियमों ने ग्रामीणों की परेशानियां और बढ़ा दी है.

संजय नेगी ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ग्रामीण क्षेत्रों से जिला विकास प्राधिकरण को खत्म नहीं किया गया, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. वहीं मामले पर जिला विकास प्राधिकरण के सचिव विजयनाथ शुक्ला ने कहा कि अब तक किसी भी सिंगल आवासीय कॉलोनी का चालान नहीं किया गया है. विभाग पूरी तरह से नियमों के तहत कार्य कर रहा है, उन्होंने मामले की जांच करने की बात भी कही.

सुशीला तिवारी अस्पताल में उपनल कर्मियों की हड़ताल: हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल और राजकीय मेडिकल कॉलेज में कार्यरत उपनल कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर आज जोरदार प्रदर्शन किया. सैकड़ों कर्मचारी अस्पताल परिसर में धरने पर बैठ गए. उनकी प्रमुख मांग है समान कार्य के लिए समान वेतन और उन्हें उनके पद के अनुसार नियमित किया जाए. कर्मचारियों ने कहा कि वे वर्षों से अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा रहे हैं, लेकिन उन्हें नियमित कर्मचारियों की तुलना में काफी कम वेतन दिया जा रहा है. इससे उनके सामने आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने कहा कि इस मुद्दे पर सचिव स्तर से बातचीत जारी है और शासन ने उन्हें एक महीने का समय मांगा है, ताकि समान कार्य समान वेतन के मुद्दे पर ठोस निर्णय लिया जा सके. वहीं, कर्मचारियों को स्थाई करने को लेकर भी सरकार मसौदा तैयार करें. कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सरकार की ओर से इस संबंध में स्पष्ट निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक उनका धरना जारी रहेगा. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वार्ता में कोई ठोस परिणाम नहीं निकला, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे.

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