देहरादूनः बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिए बन रहे आशियाने पर एक बार फिर से काम शुरू होगा. 13 साल से लटका हुआ प्रोजेक्ट एक बार फिर जीवित होने जा रहा है. देहरादून नगर निगम के राजपुर वार्ड स्थित काठ बंगला बस्ती की मरम्मत के लिए बजट जारी हो गया है. लेकिन जिन निर्माणाधीन फ्लैटों की कुल लागत ही 6 करोड़ 22 लाख थी और इसमें से सिर्फ सवा चार करोड़ रुपए ही खर्च होते थे. लेकिन अब मरम्मत पर सरकार को 7 करोड़ रुपए का बजट खर्च करना पड़ रहा है.
रिस्पना नदी के किनारे बसे लोगों के लिए फ्लैट्स बनाने का काम साल 2011 में शुरू किया था. इस प्रोजेक्ट के लिए उस समय 6 करोड़ 22 लाख रुपये स्वीकृत हुए थे और काम यूपी निर्माण निगम को दिया गया था. प्रोजेक्ट का शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने किया था. इस प्रोजेक्ट के तहत 148 फ्लैटस बनाने की योजना थी. लेकिन यूपी निर्माण निगम द्वारा 80 प्रतिशत पैसा खर्च करने के बाद फ्लैट्स को अधर में छोड़ दिया था. लेकिन बड़ा झटका तब लगा जब साल 2020 में हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी किया कि नदियों के किनारे 100 मीटर तक खाली करवाया जाएगा. जिसके खिलाफ सरकार अध्यादेश लेकर भी आई.
बीच में ही रोकना पड़ा काम: इसमें से सवा चार करोड़ रुपए का बजट खर्च भी कर दिया गया. लेकिन निर्माण कार्य की धीमी रफ्तार और घटिया गुणवत्ता के चलते कंपनी को आगे के काम के लिए इनकार कर दिया गया. 13 साल बाद शहरी विकास विभाग ने नगर निगम, सिंचाई विभाग, एमडीडीए की अधिकारियों की टीम गठित कर निर्माणाधीन फ्लैटों की स्थिति को लेकर संयुक्त जांच रिपोर्ट देने को कहा था.जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि सरकार ने करीब 13 साल बाद काठ बंगला क्षेत्र में आधे अधूरे लटके फ्लैट्स को एक बार फिर आबाद करने की योजना तैयार की है. इसके लिए करीब 7 करोड़ रुपए का बजट भी रखा है. अब इस आधे अधूरे पड़े कार्य को पीडब्ल्यूडी पूरा करेगी.