
रुद्रपुर: जनपद के ग्रामीण क्षेत्र शांतिपुरी में एक घर के आंगन में इंडियन रॉक पायथन के दिखने से हड़कंप मच गया. आनन फानन में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और अजगर का बमुश्किल रेस्क्यू किया गया. रेस्क्यू किए गए पायथन तीन से चार साल का लग रहा है, जिसकी लंबाई 12 फीट से अधिक थी. वन विभाग की टीम ने अजगर को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा. जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली.
ग्रामीण क्षेत्र शांतिपुरी नंबर 2 में एक घर के आंगन में विशालकाय अजगर आने से हड़कंप मच गया. जैसे ही ग्रामीणों को इस बात की भनक लगी वैसे ही अजगर को देखने के लिए ग्रामीणों का तांता लग गया. आनन फानन में लोगों ने वन विभाग को मामले की सूचना दी गई. मौके पर पहुंची टीम ने अजगर को रेस्क्यू कर उसे जंगल में छोड़ा.
इंडियन रॉक पायथन तराई पूर्वी वन प्रभाग के डौली रेंज स्थित शांतिपुरी नंबर दो स्थित खुशाल सिंह कोरंगा के घर के आंगन में निकला. जिसके बाद परिवार वालों ने अजगर निकलने की सूचना वन विभाग को दी. सूचना पर डौली रेंज की टीम मौके पर पहुंची और अजगर को बमुश्किल रेस्क्यू किया गया. वन कर्मी सोनू कार्की ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र शांतिपुरी के एक घर से 3 से 4 साल के इंडियन रॉक पायथन को रेस्क्यू किया गया है. सर्दियों में अक्सर पायथन धूप सेकने के लिए खुली जगहों पर आ जाते हैं. इंडियन रॉक पायथन ठंडे खून का प्राणी होता है. इसके काटने से कोई असर नहीं होता, लेकिन पालतू जानवरों और छोटे बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है.
उन्होंने बताया कि तराई के क्षेत्र में रॉक पायथन की संख्या काफी देखने को मिलती है. इनका निवास स्थान जंगल, घास का मैदान, दलदल और नदी घाटियों जैसे वातावरण है. शिकार की तलाश में रॉक पायथन रिहायशी इलाकों में पहुंच जाते हैं, जो पालतू जानवरों को अपना शिकार बना सकते हैं. उन्होंने बताया कि अब तक वह अपनी टीम के साथ कई वन्य जीव जहरीले सांप, मगरमच्छ और अजगरों का सफल रेस्क्यू कर उन्हें जंगल में छोड़ चुके हैं. सर्दियों में सांप बिलों से धूप सेंकने के लिए बाहर निकलते हैं. आमतौर पर सांप घरों के आसपास तक पहुंच जाते हैं. ऐसे में लोगों को सावधानी से बाहर निकलना चाहिए.
