
रुद्रप्रयाग: जनपद में इन दिनों गुलदार के साथ ही भालू का आतंक है. बीते तीन माह में गुलदार 15 से अधिक इंसानों को घायल कर चुका है. जबकि गुलदार इस वर्ष अभी तक चार लोगों को शिकार बना चुका है. गुलदार एवं भालू के हमले में बीते तीन माह के भीतर बीस से अधिक मवेशी घायल होने के साथ ही मर चुके हैं. जनपद में भालू की लगातार बढ़ती सक्रियता के कारण आम जनता परेशान है.
रुद्रप्रयाग जनपद में इन दिनों जंगली भालू की दहशत है. जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में भालू की धमक से ग्रामीण जनता परेशान है. भालू इंसानों के साथ ही जानवरों पर भी जानलेवा हमला कर रहे हैं. स्थिति यह है कि कई बार भालू झुंड में भी गांवों में पहुंच रहे हैं. रुद्रप्रयाग जनपद में 128 गांव जंगली जानवरों के हमलों में पाये जाने वाले संवेदनशील गांव घोषित किये गये हैं. बीते तीन माह में भालू की सक्रियता जनपद में अधिक बढ़ी है. अलग क्षेत्रों में भालू ने 15 से अधिक लोगों पर हमला करके घायल किया है.
जबकि बीस से अधिक मवेशियों को गुलदार एवं भालू अभी तक घायल करने के साथ ही मार चुके हैं. गुलदार का भी रुद्रप्रयाग जनपद में लगातार आतंक बना हुआ है. गुलदार अभी तक जनपद के अलग-अलग क्षेत्रों में तीन महिलाओं एवं एक पुरुष को निवाला बना चुका है. वन विभाग की ओर से अभी तक दो आदमखोर गुलदारों के साथ ही दो भालुओं का भी रेस्क्यू किया जा चुका है. पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष भालू की सक्रियता अधिक बढ़ी है.
भालू की सक्रियता बढ़ने का मुख्य कारण मौसम परिवर्तन है. समय पर बारिश न होने के साथ ही कम ठंड पड़ना भी भालूओं को आबादी वाले क्षेत्रों की ओर आकर्षित कर रहा है. अक्टूबर के बाद भालू आबादी वाले क्षेत्रों में नहीं आते थे, लेकिन वर्ष लगातार भालू आ रहे हैं. खुले में छोड़े गये कूड़े की ओर भी भालू आकर्षित हो रहे हैं. जबकि जंगलों में उन्हें पर्याप्त भोजन नहीं मिल पा रहा है. जंगली जानवरों के आतंक के कारण इन दिनों जनपद के कई हिस्सों में वन विभाग एवं जिला प्रशासन की ओर से स्कूली छात्रों के लिये वाहन की भी व्यवस्था की गई है.
