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146 साल पुराना है पिथौरागढ़ का मैथोडिस्ट चर्च, क्रिसमस पर हुई विशेष सजावट

पिथौरागढ़: सीमांत जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ में स्थित मैथोडिस्ट चर्च की स्थापना को 146 साल हो चुके हैं. 19वीं सदी में बना यह गिरजाघर ऐतिहासिक तो है ही इसके जब इस चर्च को क्रिसमस पर सजाया जाता है तो यह बेहद खूबसूरत नजर आता है. पिथौरागढ़ नगर के सिल्थाम में स्थित इस चर्च की स्थापना वर्ष 1879 में अमेरिका निवासी डॉ. रिचर्डसन ग्रे ने की थी. उन्होंने लगभग पांच साल तक इस चर्च का संचालन किया.

डॉ. रिचर्डसन ग्रे 1884 में अमेरिका वापस चले गए थे. इसके बाद इसका जिम्मा एनी वडन ने संभाला. उस समय ईसाइयों की संख्या बेहद कम थी. गिरजाघर स्थापित होने के बाद यहां पर शिक्षा का प्रचार-प्रसार हुआ. धीरे-धीरे लोग ईसाइयत से जुड़ने लगे. शिक्षक विमल दीप फिलिप ने बताया कि पिथौरागढ़ में वर्तमान में ईसाई समुदाय के 150 परिवार हैं. जिनकी संख्या लगभग 500 है. ईसाई परिवार मुख्य रूप से पिथौरागढ़ बाजार के अलावा बजेटी, जगतड़, दाड़िमखोला में रहते हैं. कुछ परिवार धारचूला और बेरीनाग के सामधूरा गांव में है. 20 परिवार और चौपाता गांव में लगभग पांच दर्जन परिवार निवास करते हैं.

क्रिसमस को लेकर पिथौरागढ़ और बेरीनाग का चौपाता और सामधूरा चर्च का चर्च विशेष रूप से सजाया गया है. लड़ियों से सजा चर्च बेहद खूबसूरत नजर आ रहा है. बुधवार को चर्च में विशेष प्रार्थना की गई. पिथौरागढ़ चर्च में पादरी रेवरन अजीत पॉल और सामधूरा के पादरी अनिल सिंह ने प्रार्थना की. लगभग दो घंटे तक प्रभु ईशु मसीह के वचन दोहराए गए. प्रार्थना सभा में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे.

क्रिसमस पर बृहस्पतिवार को सुबह 10 बजे से प्रार्थना सभा आयोजित होगी. इस अवसर पर बच्चों के साथ ही 18 साल तक के युवाओं को ईसाई धर्म में दीक्षित किया जाएगा. क्रिसमस को लेकर बच्चों में काफी उत्साह बना हुआ है. इस मौके पर बाहरी क्षेत्रों में रहने वाले ईसाई समुदाय के लोग घर आये हुए हैं.

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