सरकार ने खेल खिलाड़ियों को लेकर गिनाई अपनी प्रथमिताएँ उदीयमान खिलाडियों को छात्रवृति योजना के अन्तर्गत 08 से 14 वर्ष के 3900 खिलाडियों को प्रतिमाह रूपये पन्द्राह सौ (रू0 1500) एवं 14 से 23 वर्ष के 2208 खिलाड़ियों को प्रतिमाह रूपये दो हजार (रू0 2000) छात्रवृति एवं प्रतिवर्ष खेल उपकरण हेतु रू0 10 हजार की सहायता प्रदान की जा रही है। उदीयमान खिलाड़ियों को छात्रवृति हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु रू० दस करोड़ (रू0 10.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। प्रदेश में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन हेतु रू० दो सौ पचास करोड़ (रू0 250.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। साथ ही 38वें राष्ट्रीय खेल से पूर्व राज्य के खिलाडियों हेतु विशेष प्रशिक्षण शिविर हेतु रू० पांच करोड़ (रू0 5.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। स्पोर्टस स्टेडियम निर्माण (चालू एवं नए कार्य) हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में रू० अड़तालिस करोड़ (रू0 48.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। खेल महाकुम्भ आयोजन हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग रू० सत्ताइस करोड़ (रू0 27.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में मिनी स्टेडियम हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में रू० पन्द्रह करोड़ (रू0 15.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। राज्य और राष्ट्रीय युवा महोत्सव का आयोजन हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में रू० दस करोड़ (रू0 10.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक विजेता खिलाडियों को पुरस्कार / आर्थिक सहायता हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में रू० आठ करोड़ (रू0 8.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है।प्रशिक्षण शिविरों के आयोजन हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में रू० पांच करोड़ अठारह लाख (रू0 5.18 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री युवा मंगल स्वावलम्बन योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में रू० पांच करोड़ (रू0 5.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है।देहरादून स्पोर्टस कॉलेज भवन के निर्माण हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में रू0 पांच करोड़ (रू0 5.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है।इंडोर हाल व मिनी स्टेडियम निर्माण हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में रू0 पांच करोड़ (रू0 5.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है।
धामी सरकार की साल 2024-25 के लिए प्राथमिकताएं नवाचार तथा इमरजिंग टेक्नोलॉजीज को बढ़ावा । आदि कैलाश एवं ओम पर्वत दर्शन हेतु सुगमता। मानसखण्ड परियोजना से आच्छादित सांस्कृतिक धरोहरों का जीर्णोधार । “हाउस ऑफ हिमालयाज” को एक राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय ब्रान्ड के रूप में प्रतिस्थापित करना।प्रदेश को आयुष एवं वेलनेस हब के रूप में पहचान स्थापित करने हेतु शासकीय संस्थाएं यथा हरिद्वार स्थित ऋषिकुल महाविद्यालय तथा गुरूकुल महाविद्यालय के साथ-साथ निजी क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधा विकसित करना। समस्त नगर निगम एवं 50 हजार से अधिक आबादी वाले शहरों में पूर्ण अवशिष्ट प्रबन्धन हेतु गैप फन्डिंग, ताकि स्थानीय निकायों की रैकिंग में सुधार हो। विद्यार्थियों को प्रदेश से बाहर शैक्षणिक भ्रमण का अवसर । कृषि एवं उद्यान उत्पादों का वैल्यू चेन फाईनेंसिंग।
उत्तराखण्ड विधानसभा बजट सत्र विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल का सदन में सम्बोधन जारी कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों हेतु निःशुल्क जूता एवं बैग की व्यवस्था हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में रू0 पचीस करोड़ (रू0 25.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी को सहायता अनुदान हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग रू० तीन करोड़ पैंसठ लाख (रू0 3.65 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। उद्यमिता, कौशल एवं नवाचार को बढावा दिये जाने हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग रू० सात करोड़ ग्यारह लाख (रू0 7.11 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी के घोषणा के क्रम में खटीमा, ऊधम सिंह नगर में प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु निःशुल्क कोचिंग सेन्टर की स्थापना हेतु प्रावधान किया जा रहा है। राजकीय महाविद्यालयों को नैक (NAAC) ग्रेडिंग के आधार पर प्रोत्साहन राशि हेतु लगभग रू० तीन करोड़ चौदह लाख (रू0 3.14) का प्रावधान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शेवनिंग उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत रू० दो करोड़ (रू० 2.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री उत्कृष्ठ शोध पत्र प्रकाशन प्रोत्साहन योजना का प्रावधान किया जा रहा है। उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन एवं ज्ञानवर्धन प्रशिक्षण योजना का प्रावधान किया जा रहा है।विद्यार्थी शैक्षिक भारत दर्शन योजना का प्रावधान किया जा रहा है। शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। विद्या समीक्षा केन्द्र के माध् यम से छात्रों एवं अध्यापकों की रिअल टाइम / ऑनलाइन उपस्थिति प्रारम्भ कर दी गयी है। सरकार का प्रयास है कि प्रत्येक विद्यालय में स्मार्ट क्लास स्थापित हो। इस वित्त वर्ष में 929 स्मार्ट क्लास की स्थापना की जा चुकी है।
सरकार ने कृषि- किसानों के लिए गिनाई अपनी प्राथमिकताएं प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत लगभग वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग रू० एक सौ चार करोड़ पचीस लाख (रू0 104.25 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में रू0 पचासी करोड़ (रू0 85.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। किसान पेंशन योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग रू० छियालिस करोड़ दस लाख (रू0 46.10 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में रू० पैंतीस करोड़ (रू0 35.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। मिशन एप्पल योजना हेतु वित्त वर्ष 2024-25 में रू0 पैंतीस करोड़ (रू0 35.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजनान्तर्गत लाभार्थी परक अनुदान की धनराशि डी०बी०टी० के माध्यम से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में हस्तान्तरित की जा रही है। योजनान्तर्गत लगभग 53,000 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया है। दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहन हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में रू० बत्तीस करोड़ (रू0 32.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। समेकित सहकारी विकास परियोजना हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में रू0 सात करोड़ तीस लाख (रू0 7.30 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। मिलेट मिशन परियोजना हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में रू० सात करोड़ (रू0 7.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। स्थानीय फसलों को प्रोत्साहन कार्यक्रम हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग रू० पांच करोड़ पचहत्तर लाख (रू0 5.75 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। राज्य में चारे की कमी को दूर करने हेतु राज्य की चारा नीति प्रख्यापित की गयी। मिशन दालचीनी एवं मिशन तिमरू के सफल संचालन हेतु 10 वर्षीय कार्ययोजना तैयार की जा रही है। मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में गत 02 वर्षों में प्रतिवर्ष लगभग 22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए वर्तमान समय में 7324 मेट्रिक टन उत्पादन किया जा रहा है।
सरकार ने शहरी विकास, नगर निकाय को लेकर गिनाई अपनी प्राथमिकताएँ ऋषिकेश नगर एकीकृत शहरी अवस्थापना विकास परियोजना के अन्तर्गत रू० सत्ताइस करोड़ (रू0 27.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। नगरीय अवस्थापना का सुदृढीकरण (ए०डी०बी०) हेतु रू० एक सौ पचास करोड़ (रू0 150.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु रू० एक सौ तीस करोड़ (रू0 130.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। नगरीय अवस्थापना का सुदृढीकरण (हल्द्वानी एवं अन्य शहर) हेतु रू० एक सौ नौ करोड़ (रू0 109.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। नगरीय पेयजल / जलोत्सारण योजनाओं के निर्माण हेतु रू० एक सौ करोड़ (रू0 100.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। पेयजल विभाग में के०एफ० डब्ल्यू० परियोजना हेतु रू० एक सौ करोड़ (रू0 100.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। अटल नवीनीकरण एवं शहरी परिवर्तन मिशन फेज-2 हेतु रू० एक सौ करोड़ (रू0 100.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। मध्यम श्रेणी के नगर निकायों में शहरी अवस्थापना विकास (फेज-2) हेतु रू० साठ करोड़ (रू0 60.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। मलिन बस्ती विकास / नगरीय अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु रू० पचास करोड़ (रू0 50.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी योजना (50% राज्यांश) हेतु रू० छियालिस करोड़ पाँच लाख (रू0 46.05 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। ऋषिकेश शहर के एकीकृत विकास के लिए केएफडब्ल्यू परियोजना हेतु रू० सत्ताइस करोड़ (रू0 27.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। गैरसैंण में अवस्थापना कार्य हेतु रू० बीस करोड़ (रू0 20.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। ग्रीन फील्ड/ब्राउन फील्ड सिटी निर्माण हेतु रू० बीस करोड़ (रू0 20.00 करोड़) का प्रावधान किया जा रहा है। नगर पालिकाओं में पार्क / ओपन जिम की स्थापना हेतु रू० पाँच करोड़ का प्रावधान।