भाजपा की तीन राज्यों में सरकार आने की साथ ही तीनों राज्यों में पार्टी ने दिग्गज नेताओं को मुख्यमंत्री न बनाकर जहां एक बड़ा संदेश युवा नेताओं और आखिरी पंक्ति के कार्यकर्ताओं को लेकर दिया गया है,तो वहीं उत्तराखंड में भी लोकसभा चुनाव से पहले चौंकाने वाले फैसले भाजपा मंत्रिमंडल विस्तार के साथ लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन में देखा जा सकता है,जिससे पार्टी के बड़े नेताओं की नींद उड़ना तय है,दीखिये ये रिपार्ट। उत्तराखंड में भी भाजपा ले सकती है चैंकाने वाले फैसले मंत्रिमंडल विस्तार भी हो सकता चौंकाने वाला लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम भी हो सकते चौकाने वाले भाजपा के भीतर चौंकाने वाले निर्णय लिए जाने की चर्चाएं तेज प्रधानमंत्री के द्वारा नई रणनीति का भाजपा नेता कर रहे है समर्थन मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की सरकार आने के बाद जिस तरीके से भाजपा ने चौंकाने वाले निर्णय लेते हुए नई चेहरों पर मुख्यमंत्री का दाव खेला है, उसे माना जा रहा है कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई रणनीति के साथ आगे बढ़ने का मन बन चुके हैं, जिसमें पार्टी के युवा नेताओं और आखिरी पंक्ति के नेताओं को आगे बढ़ाने की पहल शुरू की गई है,हालांकि यह उन सीनियर नेताओं के लिए भी एक झटका है जो तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री बनाए जाने का ख्वाब सरकार आने के बाद दिख रहे थे,भाजपा के इस निर्णय से शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे और रमन सिंह को झटका तो लगा ही है लेकिन कई राज्यों को भी एक संदेश भाजपा की निर्णय से चले गया है,कि अब पार्टी के लिए सीनियरिटी नहीं बल्कि युवा चेहरा और संगठन के लिए समर्पित कार्यकर्ता मायने रखता है। उत्तराखंड के दिग्गज नेताओं की धड़कनें भी अब बढ़ी हुई है, माना जा रहा है कि जब भी अब धामी मंत्रिमंडल का विस्तार होगा तो मंत्रिमंडल में अपनी सीट सुरक्षित मान रहे कुछ बड़े नेताओं को भी पार्टी झटका दे सकती है,वही मंत्रिमंडल विस्तार में ऐसे चेहरों को जगह मिल सकती है,जो मंत्री बनने का ख्वाब तक नहीं देख रहे हैं। वही चर्चाएं पार्टी के भीतर इस बात की भी है की लोकसभा उम्मीदवारों के जब नाम आएंगे तो पार्टी कई दिग्गज नेताओं का टिकट काट सकती है,और युवा चेहरों पर दाव खेल सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा जो फैसला युवा चेहरों को आगे बढ़ाने और आखिरी पंक्ति में बैठे कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने का लिया गया है, उसे उत्तराखंड बीजेपी कि संगठन से जुड़े नेता हो विधायक हो या फिर मंत्री हो खुलकर सरहान कर रहे हैं,और इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ने की बात कर रहे है। वहीं भाजपा के नए प्रयोग पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का भी बयान सामने आया,हरीश रावत का कहना है की पूरी भाजपा प्रधानमंत्री को यह साबित करने की कोशिश कर रही है कि प्रधानमंत्री ही सब कुछ है,और जिस तरीके से शिवराज सिंह चौहान,वसुंधरा राजे और रमन सिंह को मुख्यमंत्री नही बनाया गया है,उससे भाजपा ने संदेश तो दे दिया है कि कई बड़े नेताओं को पार्टी उत्तराखंड में भी घर बिठाकर दूसरों को मौका दे सकती है, साथ ही जिस तरीके से आडवाणी,मूरली मनोहर जोशी को पार्टी ने घर बिठाने का काम किया इस तरीके से नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह को भी उसी पंक्ति में भाजपा खड़ा कर सकती है। कुल मिलाकर देखें तो भाजपा जिस तरीके से चौंकाने वाले निर्णय ले रही है, उसे यह तय माना जा रहा है कि जब भी उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार होगा या फिर लोकसभा उम्मीदवारों के नाम का ऐलान होगा तो कौन से वह बड़े चेहरे होंगे जिनको पार्टी घर बिठाने का काम करेगी और कौन से वह युवा चेहरा होंगे जिनको पार्टी मौका देगी इस पर भी सभी की नजर रहेंगे।