मानसून सत्र के दूसरे दिन विधानसभा के पटल पर संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा कैग की रिपोर्ट पेश की गई। जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि साल 2005 से लेकर 2022 तक उत्तराखंड सरकार ने बिना विधानसभा की मंजूरी के 47, 758 करोड़ का बजट खर्च कर दिया और उसके बाद उसे विधानसभा से रेगुलराइज भी नहीं कराया.
जहाँ एक ओर कैग ने सवाल खड़े किया हैँ तो वहीँ दूसरी ओर अब इस पर सियासत भी शुरू हो गयी है, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट का कहना है कि हमारी सरकार इसका अध्ययन करेगी और इन चीजों की पुनरावृत्ति ना हो इसको लेकर अधिकारी और कर्मचारी जिन नियमों की अनदेखी करते है सरकार संज्ञान लेगी और जो भी इसमें कारण होंगे उन कारणों की जांच की जाएगी…. वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा की भ्रष्ट सरकार और उसके भ्रष्ट करनामें, लोकपाल की नियुक्ति भी बीजेपी पकडे जाने के डर से नहीं कर रही है, इससे यही साबित होता है की भाजपा पार्टी अखंड भ्रष्टाचार मे लिप्त है, इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है कि विधानसभा को बिना कॉन्फिडेंस में लिए इतनी बड़ी रकम खर्च कर दी गयी