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Confusion में कोंग्रेस, किसको मिलेगा लोकसभा का टिकट

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सियासी दलों के साथ ही टिकट के दावेदारों की दौड़ शुरू हो गई है। पिछले कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव मे नेताओं और जनप्रतिनिधियों की सक्रियता भी बढ़ गयी है इस वक़्त उत्तराखंड मे 5 लोकसभा सीट है और सभी जगह लगभग प्रत्याशीयों की दावेदारी भी सामने आ चुकी है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य की नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट से दावेदारी करने से पार्टियों मे सियासी हालचल तेज हो गयीं है इसके साथ भी अब कांग्रेस असमजस की स्तिथि मे आ गयी है देखिये ये रिपोर्ट…लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही सभी पार्टी के नेताओं ने टिकट के लिए दावेदारी करनी शुरू कर दी है, अब तक अपनी दावेदारी पेश करने से नेता बच रहे थे लेकिन अब एक – एक करके 2024 लोकसभा का चुनाव लड़ने की इच्छा भी जताने लगे है,जहाँ एक ओर हरीश रावत ने हरिद्वार संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है तो वहीँ दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष और बाजपुर विधायक यशपाल आर्य ने नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी पेश करते हुए कहा है की आलाकमान ने मौका दिया तो वह 2024 का लोकसभा चुनाव जरूर लड़ेंगे। हालांकि नेता प्रतिपक्ष पहले भी कई बार बयान दे चुके थे की वह लोकसभा चुनाव की दौड़ मे नहीं है और अचानक दावेदारी पेश कर दी, जिस कारण अब कांग्रेस अब असमजस की स्तिथि मे आ गयी है क्योंकि इसी लोकसभा सीट से कांग्रेस से किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ ने भी चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि दीपावली के बाद इस पर फैसला लेंगे। बेहड़ संगठन से खासे नाराज हैं।
वही भाजपा की ओर से पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविन्द पांडे भी इस सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाता चुके है, अरविंद पांडे नैनीताल और उधम सिंह नगर, दोनों ही जगह आजकल खासे सक्रिय दिखाई दे रहे हैं. तो वहीँ भाजपा से नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट के लिए तराई के कद्दावर और पूर्व विधायक राजेश शुक्ला अपनी दावेदारी पहले ही पेश कर चुके हैँ वो भी नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जता वही नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के चुनाव लड़ने की इच्छा के बाद, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है और कहा है की कांग्रेस के पास प्रत्याशियों की कमी है भाजपा के प्रत्याशियों के सामने, कांग्रेस के पास कोई प्रमुख चेहरा नहीं है इसके साथ ही कांग्रेस के पास नेताओं की भी कमी है, और जो नेता है वो भी लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं इसलिए कांग्रेस अपने उन नेताओं पर दांव खेल रही है जिनको जनता ने पूर्व में भी नकारा है, वहीं भारतीय जनता पार्टी एक मजबूत संगठन है भाजपा के जो सांसद और सांसद प्रत्याशीयों के सामने कांग्रेस के प्रत्याशी कहीं भी टिकने वाले नहीं है, कांग्रेस की हर बुरे तरिके से होने वाली है
भाजपा ने जहाँ कांग्रेस के पास प्रत्याशीयों और नेताओं की कमी होना बताया है तो वही कांग्रेस ने भाजपा को नसीहत देते हुए कहा की भाजपा को अपने कुनबे मे झाँकने के लिए कहा है, कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने भाजपा से निवेदन करते हुए कहा की कांग्रेस के लिए इतनी पीड़ा लेने की जरूरत नहीं है कांग्रेस खुद निर्णय लेगी किसे टिकट देना है किसे नहीं और यशपाल आर्य का विशेषधिकार है की वो हु आवाज के लिए हाँ करें या ना करें….और भाजपा अपने कुनबे को संभाल के रखे क्यों की वहां से विस्फोटक खबरें आ रही भाजपा ने लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज कर दी है इसके लिए सांसदों के प्रवास से लेकर कमजोर सीटों पर फोकस शुरू हो गया है। जबकि विपक्षी दल कांग्रेस में अभी चुनावी तैयारियों का मंथन का दौर भी शुरू नहीं हुआ है।भाजपा में एक के बाद एक बड़े नेता उत्तराखंड का दौरा कर अपनी पकड़ को मजबूत बना रहे हैं। वहीं, कांग्रेस के बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी इस चुनावी मैदान मे खल रही है साथ ही आने वाले समय मे पता चलेगा की पार्टी ने किस प्रत्याशी पर अपनी मुहर लगायी है

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