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उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ सतर्कता जागरूकता सप्ताह शुरू,विजिलेंस विभाग को मजबूत करने की कवायद

भ्रष्टाचार के खिलाफ विजिलेंस विभाग जीरो टॉलरेंस नीति के आधार पर काम कर रहा है. ऐसे में विजिलेंस विभाग लोगों को भ्रष्टाचार के प्रति जागरूक किए जाने को लेकर सतर्कता जागरूकता सप्ताह भी आयोजित कर रहा है. 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक चलने वाले इस जागरूकता सप्ताह का सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुभारंभ किया.

भ्रष्टाचार के खिलाफ सतर्कता जागरूकता सप्ताह: सतर्कता विभाग कार्यालय में ‘सत्यनिष्ठा की संस्कृति से राष्ट्र की समृद्धि’ पर आधारित सतर्कता जागरूकता सप्ताह- 2024 और प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. जागरूकता सप्ताह के दौरान विभाग को और मजबूत करने के साथ ही लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए चर्चा की जा रही है. कार्यक्रम के दौरान सीएम धामी ने घोषणा की कि सतर्कता विभाग की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सर्विलांस, तकनीकी एवं वित्तीय विशेषज्ञों की एक टीम गठित की जाएगी. इसके साथ ही सीएम ने सतर्कता अधिष्ठान में बेहतर काम करने वाले कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. सीएम ने देश की एकता और अखंडता के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद करते हुए कहा कि उनकी जयंती के अवसर पर प्रतिवर्ष लोक प्रशासन को पारदर्शी एवं उत्तरदायी बनाने के लिए ‘सतर्कता जागरूकता सप्ताह’ का आयोजन किया जाता है.

राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति: मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए हर क्षेत्र में तेजी से काम हो रहे हैं. आर्थिक, सामाजिक और नैतिक रूप से भी देश समृद्ध हो रहा है. मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई ई-गवर्नेंस की पहल ने सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता को बढ़ावा दिया है. नोटबंदी, जीएसटी और डीबीटी प्रणाली से भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने की दिशा में कार्य हुए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के प्रति ज़ीरो टोलरेंस की नीति के साथ कार्य कर रही है. भ्रष्टाचार में जो भी दोषी पाये गये हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की गई है.

विजिलेंस विभाग को मजबूत करने की कवायद:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सतर्कता जागरूकता सप्ताह आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य यही है कि राज्य में ऐसी व्यवस्था प्रभावी हो जिसमें भ्रष्टाचार का कोई स्थान ना हो. साथ ही विजिलेंस विभाग हर जगह पारदर्शिता स्थापित करने में अपनी भूमिका निभा रहा है. प्रदेश में पिछले तीन साल के भीतर 66 ट्रैप केस में 75 से ज्यादा लोगों को जेल भेजा जा चुका है. ऐसे में प्रदेश के भीतर भ्रष्टाचार को समाप्त करने और जीरो टॉलरेंस की नीति के आधार पर पूरी पारदर्शिता के साथ काम हो ये प्रयास है. विजिलेंस विभाग को और मजबूत बनाने के लिए शासन को इस बाबत निर्देश दिए गए हैं कि जो भी काम किए जाने हैं, वो काम हर हाल में पूरे हों.

गठित की जाएगी विशेषज्ञों की टीम: इस दौरान अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने बताया कि विजिलेंस एक ऐसी संस्था है जो व्यवस्था में हुई गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की शिकायत पर उसको खत्म करने का काम करती है. उसके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के लिए विजिलेंस विभाग बना हुआ है. साथ ही कहा कि सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति पर विजिलेंस विभाग कम कर रहा है. विजिलेंस विभाग को कैसे और अधिक मजबूत किया जा सके, इस दिशा में सीएम धामी ने घोषणा भी की है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस बाबत निर्देश दिए हैं कि विभाग के साथ बैठक कर इस बात पर चर्चा की जाए कि कैसे व्यवस्था में और सुधार लाया जा सकता है.

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