अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री व आशा फैसिलिटेटर 11 मार्च को सरकार के विरोध में संयुक्त रूप से एक विशाल रैली निकालने जा रही हैं। जिसमें 8000 से अधिक आशा कार्यकत्रियां व आशा फेसिलिटेटर शामिल होंगी। अपनी मांगों को लेकर उनका कहना है कि कॉविड महामारी के समय उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर स्वास्थ्य व जन सेवाएं उपलब्ध करवाई। लेकिन उनको न्यूनतम वेतनमान नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा उनका इंसेंटिव भी इतना कम है कि वह उनके आने-जाने में ही खर्च हो जाता है, शेष धनराशि बिल्कुल नहीं बच पाती। उनकी मांगे हैं कि उनको 18000 न्यूनतम वेतनमान दिया जाए, जिससे वह आर्थिक तंगी का शिकार भी ना हो और समाज के लिए भी अपना योगदान निरंतर सेवा भाव के तौर पर दे सकें।