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उत्तराखंड के 18 उत्पादों को नवंबर माह में मिलेगा जीआई टैग (जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग



मंत्री गणेश जोशी ने जीआई महोत्सव की तैयारियों को लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मंत्री ने अधिकारियों को जीआई महोत्सव के संबंध में आपसी समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। जीआई रजिस्ट्री विभाग भारत सरकार द्वारा 17 से 21 नवम्बर तक पांच दिवसीय जीआई (G.I) महोत्सव का भव्य आयोजन देहरादून में किया जाएगा। मंत्री ने अधिकारियों को सम्बंधित विभागों के साथ आपसी समन्वय स्थापित कर कार्यक्रम को भव्य एवं सफल बनाने हेतु निर्देशित किया।
मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि उत्तराखंड के 18 उत्पादों को जीआई टैग (जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग) मिलने जा रहा है। जिसमे मंडवा, झिंगौरा, गहत, लाल चावल, काला भट्ट, माल्टा, चौलाई, रामदाना, अल्मोड़ा की लाल मिर्च, पहाड़ी तोर दाल, बुरांश शरबत, आडू, लीची, बेरीनाग की चाय सहित 18 उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को जीआई टैग ( भौगोलिक संकेतांक) मिलेगा। अब तक उत्तराखंड के 09 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है। उन्होंने कहा नवम्बर माह में 17 से 21 तक आयोजित होने वाले जीआई महोत्सव में भारत सरकार द्वारा उत्पादों के प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। जिससे हमारी स्थानीय उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलेगी।
मंत्री ने कहा जीआई महोत्सव में एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी को शामिल किया जाएगा। जिसमे छात्र छात्राओं को जीआई टैग से संबंधित प्रतियोगिता की जाएगी। जीआई से संबंधित छात्रों द्वारा रैली निकाली जाएगी। महोत्सव में एग्रीकल्चर, होल्टीकल्चर, नाबार्ड, उद्योग, सांस्कृतिक विभाग, कॉपरेटिव, ग्राम्य विकास, पर्यटन सहित कई विभागों की सहभागिता रहेगी। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि निश्चित ही उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को अंतराष्ट्रीय पहचान मिल सकेगी।


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