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अविमुक्तेश्वरानंद जी निकले शीतकालीन यात्रा पर,

ज्योतिष पीढ़ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज आज से चार धाम की शीतकालीन यात्रा पर खुद अपने अनुयाईओ के साथ निकल चुके है, यमुनोत्री धाम के मुख्य पडाव बड़कोट में शंकराचार्य जी के पहुंचते ही स्थानीय लोगों ने फूलमालाओं और ढोल नगाड़ों से स्वागत किया इस मौके पर शंकराचार्य अभी मुक्तेश्वरआनंद जी ने कहा कि सनातन धर्म में हिंदू अपनी परंपराओं को नहीं जान पा रहे हैं और दुनिया में सनातन में हिंदू प्रतिनिधित्व होना जरूरी है ताकि हिंदू धर्म की महत्व को और परंपरा को बनाए रखा जा सके उन्होंने कहा कि वह पूरे देश और दुनिया को संदेश देना चाह रहे हैं कि चार धाम यात्रा में ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन की यात्रा में ग्रीष्मकालीन यात्रा कपाट बंद होने से भ्रम पैदा किया गया है जिस भ्रम को खत्म करने वह खुद शीतकालीन यात्रा में निकले हैं और श्रद्धालुओ को चारधाम यात्रा 12 महीने होने का संदेश दे रहे है उन्होंने कहा कि शीतकालीन यात्रा में भी चारो धामी की भोग मूर्ति की पूजा और अर्चना निरंतर चल रही है जो सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार है लेकिन ग्रीष्मकालीन यात्रा कपाट बंद होने से चारधाम यात्रा 12 महीने होने की श्रद्धालु के बीच भ्रम पैदा कर रहा है और वो इस भ्रम को खत्म करने खुद निकले है

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