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धड़ल्ले से चल रहा शिक्षा का व्यापार, फिर भी स्टाफ की सैलरी देने को नही हैँ तैयार

राजधानी देहरादून जिसे ब्रिटिश काल से ही शिक्षा का एक केंद्र माना जाता रहा है , देहरादून में पढ़े देश के नाम नामचीन चेहरों की बात करें तो, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी, संजय गांधी, राहुल गांधी, राजनीतिज्ञ करण सिंह, पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह, एक्टर अली फजल, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, उड़ीसा के पूर्व सीएम नवीन पटनायक, एक्टर जायद खान जैसे तमाम लोग हैँ

वहीँ आज शिक्षा का हब कहे जाने वाले देहरादून में शिक्षा को व्यापार बना दिया गया है, शिक्षा का व्यापार करने वाले निजी संस्थान आज डिग्री के लिए छात्र छात्राओं से लाखों की धनराशि वसूल रहे हैँ , शिक्षा का इस हद तक व्यवसाईकरण करने के बाद भी एक ऐसा मामला सामने आया है जो आपको हैरान कर देगा

देहरादून में एक प्रतिष्ठित संस्थान ऐसा भी है जो शिक्षा के नाम पर लाखों की धनराशि तो वसूल करता है हालांकि अपने स्टाफ को सैलरी देने के लिये इस संस्थान के पास पैसे तक नही हैँ

देहरादून के प्रतिष्ठित संस्थान GRD के कर्मी महीनों से सैलरी ना मिलने पर काफी निराश हैँ वहीँ कॉलेज प्रशासन की. मनमानी के खिलाफ आवाज़ उठाने से तक कतरा रहे हैँ सूत्रों की मानें तो ऐसे लगभग 40-50 कर्मी हैँ जिनकी सैलरी कई महीनों से अधर में लटकी हुई है अब सवाल यह है की क्या इन शैक्षिण संस्थानों के पास इतनी कमाई भी नही कि अपने स्टाफ को सैलरी दी जा सके और यदि इन कर्मियों को अपना हक़ अपना वेतन नही मिलता तो कॉलेज प्रशासन की इस मनमानी का आखिर ज़िम्मेदार कौन है?

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