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कानासर रेंज में अवैध तरीके से देवदारो के पेड़ों का कटान, मामले में कई विभागीय कर्मचारियों पर गिरी गाज

कानासर रेंज में अवैध तरीके से देवदारो के पेड़ों का कटान, मामले में कई विभागीय कर्मचारियों पर गिरी गाज

चकराता वन प्रभाग के कनासर रेंज मे अवैध पेड़ के बड़े कटान के बाद देहरादून में हड़कंप मच गया है, मामले में कर्मचारियों को निलंबित कर रेंजर को बागेश्वर अटैच किया गया है

 

चकराता वन प्रभाग के कनासर रेंज में उस वक्त हड़कंप मच गया जब वन विभाग की टीम ने देवदार के पेड़ का अवैध कटान पकड़ा, टीम को सूचना मिली थी कि चकराता वनप्रभाग के कनासर रेंज मे देवदार के पेड़ों का अवैध तरीके से कटान हुआ है इसके बाद बीते दिनो वन विभाग की टीम ने कनासर रेंज में छापेमारी की जिसके लिए कई टीम अन्य रेंज से भी बुलाई गई थी और वहां जो कुछ दिखा वह वाकई चौंकाने वाला था। यहां लंबे समय से संरक्षित प्रजाति के देवदार और केल के पेड़ काटे जा रहे थे, टीम ने छापेमारी मे तकरीबन 3000 देवदार और केल के स्लीपर छापेमारी कर बरामद की जिसके बाद हड़कंप मच गया….. बताया जा रहा है कि चकराता से बीजेपी के विधायक प्रत्याशी रामशरण नौटियाल के वीडियो जारी करने के बाद विभाग हरकत में आया था और कार्यवाही के लिए कनासर रेंज पहुंचा जहां पहुंचते ही रेंज में हड़कंप मच गया….. चकराता के जंगल में अवैध कटान की शिकायत के चलते वन विभाग द्वारा संयुक्त छापेमारी की कार्यवाही की गई इस दौरान टीम ने एक गांव के पास स्टोर और राजकीय विद्यालय से भारी मात्रा में लकड़ी की खेप बरामद की…..

 

 

 

वही इस मामले के बाद विपक्ष एक्टिव हो गया है और लगातार सरकार को घेर रहा है …….प्रवक्ता सुजाता पॉल ने सरकार पर बड़े सवाल करते हुए सरकार पर टिम्बर माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस मामले में ट्विटर पर भी अपना बयान जारी किया है जिसके बाद हड़कंप मचा हुआ है

 

 

 

उधर प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक की माने तो मामले में सख्त कार्यवाही अमल में लाई जा रही है…. जांच की प्राइमरी रिपोर्ट के आधार पर अवैध कटान मे संलिप्त 02 कर्मचारियों को ससपेंड कर रेंजर महेंद्र गोसाई को बागेश्वर अटैक किया गया है जांच पूरी होने पर जिन जिन के नाम सामने आएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी टीम को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए है

 

 

फाइनल वी.ओ— अवैध तरीके से इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों का कटान वाकई चौंकाने वाला है हालांकि वन विभाग कार्यवाही की बात कर रहा है लेकिन अगर अधिकारियों की नाक के नीचे ही इतने बड़े खेल को अंजाम दिया गया तो यह खेल किसके इशारे पर खेला गया और वन विभाग के बड़े अधिकारियों को इसकी भनक कैसे नहीं लगी यह एक बड़ा सवाल बन गया है हालांकि देखने वाली बात होगी कि जांच रिपोर्ट पूरी होने के बाद किन-किन बड़े अधिकारियों की संलिप्तता सामने आती हैं और उनके खिलाफ क्या कुछ सख्त कार्यवाही की जाती है…

 

क्या था पूरा मामला— चकराता वन प्रभाग की कनासर रेंज में बड़ी संख्या में पेड़ों के कटान की खबर सामने आई है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग को पुख्ता इनफार्मेशन मिली है कि मामले में वन कर्मियों की मिलीभगत के साथ पूरा माफिया गिरोह भी शामिल हो सकता है….बताते चलें कि कनासर में देवदार की अच्छी प्रजाति पाई जाती है और इसकी कीमत मार्किट में अधिक है जानकारी के अनुसार यहां लंबे समय से संरक्षित प्रजाति के देवदार और केल के पेड़ काटे जा रहे थे और विभाग इससे अनजान बन रहा हालांकि अब की गई कार्यवाही में एक के बाद एक कड़ियां खुल रही हैं वन विभाग की अभी तक की कार्यवाही में देवदार के तकरीबन 3000 स्लीपर बरामद हो चुके हैं जिनको वहीं के क्षेत्र के स्कूल ,पंचायत घर छानी और लोगों के घरों में छुपाया गया था, मामला सामने आते ही विभाग की टीमें कनासर पहुंचती है और छापेमारी कर स्लीपर को कब्जे में ले लेती है वहीं दूसरी तरफ प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक की माने तो शिकायत के तुरंत बाद कार्यवाही शुरू कर दी गई थी…. जांच करने के बाद कुछ कर्मचारियों को निलंबित कर रेंजर महेंद्र गोसाई को रेंज से हटाते हुए बागेश्वर अटैक किया गया है अनूप मलिक कहना है की जांच में किसी को बक्शा नही जाएगा जिस किसी का नाम सामने आएगा उस पर सख्त कार्रवाई अमल मे लाई जाएगी…. उधर मामला सामने आते ही कांग्रेस एक्टिव मोड पर नजर आ रही है कांग्रेस की प्रवक्ता सुजाता पॉल ने ट्वीट कर सरकार पर बड़ा सवाल खड़ा किया है… सुजाता पाल का कहना है कि बिना किसी के संरक्षण के कनासर रेंज में अवैध तरीके से देवदार के पेड़ों का कटान नही किया जा सकता ….सुजाता पाल ने डीएफओ कल्याणी नेगी पर भी सवाल उठाए हैं उनका कहना है कि कल्याणी नेगी अभी भी डीएफओ पद पर तैनात है…केवल कूछ कर्मचारियों पर कार्यवाही क्यो कि गई है….

हालांकि इस पूरे मामले में अभी कई नामो के सामने आने की आशंका लगाई जा रही है बहरहाल वन विभाग मामले की जांच में जुटा है और प्रथम दृष्टिया जांच की रिपोर्ट के आधार पर कुछ कर्मचारियो पर कार्यवाही की गई है लेकिन सवाल यह है कि क्या केवल कर्मचारी और रेंजर इतने बड़े ताने बाने को बुन सकते है…वह बड़े नाम और वह टिंबर माफिया जिनके इशारे पर यह पूरा ताना-बाना बुना गया और इस कटान के पीछे किसका हाथ है उस पर कब तक वन विभाग की टीम पहुचेगी और कार्यवाही को अंजाम देंगी यह देखने वाली बात होगी……

 

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