अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पूरी ने ज्ञानवापी पर आई ASI की रिपोर्ट पर बोलते हुये कहा मणिकर्णिका घाट पर राजा हरिश्चंद्र ने अपनी तपस्या का अंतिम चरण पूरा किया उनके पुत्र की जब मृत्यु हुई उनकी पत्नी लेकर के गई उसने आग्रह किया कि आप इसका अंतिम संस्कार कर दीजिए तो हरिश्चंद्र ने कहा सच्चाई छुप नहीं सकती बनावट के उसूलों से खुशबू आ नहीं सकती कागज के फूलों से यह जो बनावट का ढांचा बना रखा है ज्ञानवापी में उसकी एक दीवार आज भी मंदिर का पूरा भाग है अंधे को भी नजर आ रहा है इसमें भारत सरकार का जो कानून है वह कुछ नहीं कर सकता क्योंकि लोकतंत्र में हिंदू सामान्य में विश्वास रखते हैं समरसता में विश्वास रखते हैं सांप्रदायिक माहौल न बिगड़े इसलिए इतने साल से इंतजार कर रहे हैं वास्तविकता में देखा जाए बहुत से मुस्लिम भाइयों और धर्मगुरुओं ने भी माना कि यह मंदिर के ऊपर मस्जिद बनी हुई है तो यह जल्दी ही कोर्ट के माध्यम से निर्णय होगा और शिव भक्तों की जो सनातन धर्म में मान्यता है जो समस्त भारत में रहते हैं उनकी विजय होगी। वही निर्मल अखाड़े के कोठारी जसविंदर सिंह ने कहा इतिहास गवाह है किसने वहां मंदिर तोड़कर के मस्जिद बनाई है वह इतिहास के पन्नों में लिखा हुआ है और साक्षात जब हम उसमें ढांचे के पीछे जाते है काशी में तो पूरा-पूरा मंदिर दिखाई देता है नीचे से वहां पर खंडित मूर्तियां दिखाई देती हैं मंदिर के अवशेष वहां पर पड़े हुए हैं नंदी भी सामने विराजमान है इससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है। अयोध्या में राम जन्मभूमि में राम जी का दिव्य और भव्य मंदिर बनकर तैयार हुआ है इसी प्रकार काशी में भी विश्वनाथ जी का मंदिर है जो असली जगह है उसी जगह पर बनना चाहिए सभी संत समाज और भारतवासियों की सनातन धर्म की भावना है।