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“संतों की पदयात्रा: उत्तराखंड में मदरसों और मस्जिदों के विरोध में संत नरसिम्हानंद सरस्वती की मुहिम”

उत्तराखंड को सभी मदरसे, मस्जिद और मजारों से मुक्त करने के लिए एक बार फिर संत नरसिम्हानंद सरस्वती ने मुहिम शुरू कर दी है। उनके शिष्य यती राम स्वरूपानंद महाराज ने हरिद्वार में हरकीपौड़ी से संत यति राम स्वरूपानंद महाराज ने राजधानी दून के लिए पैदल ही कूच किया है। इससे पहले भी संत नरसिम्हानंद मजारों, मदरसों और मस्जिदों को लेकर विरोध जताते रहे है। हरकीपौड़ी से पैदल यात्रा शुरू हुई यह यात्रा आगामी 5 नवम्बर को राजधानी देहरादून पहुंचेगी और 6 नवंबर को रक्त से लिखा ज्ञापन सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंपा जाएगा। इस यात्रा में कई साधू संत भी शामिल हैं। संतों के अनुसार पूरे उत्तराखंड में तमाम मदरसे और मस्जिद मकड़ जाल की तरह फैले हुए हैं ऐसे में इनका हटाना जो बहुत जरूरी है क्योंकि इसे केवल नफरत ही फैलती है संत यदि नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि इजराइल में जो कुछ हुआ वह पूरी दुनिया ने देखा ऐसे में अब समय आ गया है कि इन मदरसों मस्जिदों पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए और इसी के लिए यह यात्रा निकाली जा रही है।

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