प्रदेश में खेल विश्वविद्यालय को लेकर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में दो बैठक हो चुकी हैं लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है। मामला भारत सरकार के वन विभाग से जुड़ा हुआ है। 70 एकड़ भूभाग पर बनने वाले विश्वविद्यालय में अभी तक केवल 35 एकड़ जमीन पर ही भारत सरकार द्वारा सहमति बन पाई है, जबकि 35 एकड़ और जमीन पर भारत सरकार के वन विभाग से क्लीयरेंस नहीं मिल पाया है।
इस मामले को लेकर खेल निदेशक ने कहा है कि भारत सरकार का एक पैनल यहां निरीक्षण करने के लिए पहुंचा था, जिसने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी है। भारत सरकार ने खेल विभाग से इस बाबत पत्राचार किया था, जिसका निराकरण कर लिया गया है, बताया कि जल्द ही यह 35 एकड़ वन भूमि भी राज्य सरकार को मिल सकेगी।
खेल निदेशक जितेंद्र सोनकर ने बताया कि विश्वविद्यालय के संदर्भ में पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है, बताया कि उसका एक्ट कैसे होगा यह भी बनकर तैयार है। कहा कि गुजरात स्वर्णिम विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर को कंसल्टेंट के तौर पर हायर किया गया है, जैसे ही चीजें क्लियर होगी उसके बाद तत्काल प्रभाव से काम शुरू कर दिया जाएगा। ताकि गोलापुर बने स्टेडियम को पूर्ण रूप से इस्तेमाल में लाया जा सके।