दीपावली के दिन उत्तरकाशी जिले में बड़ा हादसा हो गया जिले के सिलक्यारा के डंडाल गांव तक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से 40 वर्कर अंदर फंसे रह गए, लेकिन 4 दिन से भी अधिक समय बीत जाने के बावजूद श्रमिकों को बाहर नहीं निकाला जा सका है और बचाव कार्य मौके पर जारी हैऐसे में देहरादून के जाने माने सर्जन डॉ विपुल कंडवाल ने सुरंग में फंसे श्रमिकों को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें और कुछ सुझाव दिए है, ताकि अंदर फंसे लोगों का जीवन बचाया जा सके। उनके सर्वाइवल को लेकर डॉ विपुल का कहना है कि मैटर यह नहीं रखता की अंदर फंसे श्रमिक 30 साल के हैं या फिर 50 से 60 साल के हैं, बल्कि यह अंदर फंसे वर्करों की लेवल आफ इंजरी पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि सबसे पहले सुरंग में फंसे लोगों के लिए सबसे ज्यादा जरूरी ऑक्सीजन है। उन्होंने कहा कि सुरंग के मलबे को जल्द से जल्द हटाना जरूरी है क्योंकि तभी लोगों को सेफगार्ड किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सुरंग से रेस्क्यू के जाने के बाद श्रमिकों की सिचुएशन के हिसाब से इंजरी देखनी पड़ेगी, तभी पता चलेगा कि सुरंग के ढहने से किस श्रमिक को ट्रॉमा हुआ है, जब तक श्रमिकों को निकाला नहीं जा सकेगा तब तक इंजरी का पता नहीं चल पाएगा। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को मिनिमम इंजरी और जल्दी निकालने की दिशा में काम करना चाहिए। डॉ विपुल कंडवाल के मुताबिक इस तरह के हादसों में जल्द से जल्द रेस्क्यू किया जाना चाहिए, अगर सुरंग में लोग दबे हुए हैं तो जितना विलंब होगा, तो एयरवे की कमी और भोजन की कमी से मुश्किलें बढ़ सकती हैं।