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उत्तराखंड के भू-कानून को भाजपा सरकार ने कमजोर किया, कांग्रेस ने लगाया आरोप

कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने देहरादून मे प्रेस वार्ता कि जिसमे उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के भू-कानून को भाजपा सरकार ने ही कमजोर किया है। उनके मुताबिक तिवारी सरकार के समय लागू भू कानून राज्य के लिए सबसे मुफीद था। लेकिन आज उत्तराखंड का आम जनमानस अपने जल जंगल जमीन के अस्तित्व पर मंडरा रहे खतरे को लेकर आशंकित होकर, सड़कों पर उतर आया है। दूसरी तरफ प्रदेश सरकार इस मुद्दे पर कमेटियों के नाम पर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। उत्तराखंड की जनता के लिए सबसे मुफीद भू कानून 2002 में कांग्रेस की एनडी तिवारी सरकार ने बनाया था। जिसमें राज्य से बाहर के लोगों के लिए आवासीय उपयोग के लिए 500 वर्ग मीटर भूमि क्रय करने की सीलिंग लगाई गई थी। इसी तरह तब कांग्रेस सरकार ने राज्य में लगने वाले उद्योगों को इस शर्त के साथ भूमि देने की व्यवस्था की थी यदि वो इसका प्रयोजन में बदलाव करते हैं तो जमीन राज्य सरकार में शामिल हो जाएगी। बाद में भाजपा सरकार ने इस भू कानून को नुकसान पहुंचाते हुए, औद्योगिक और व्यावसायिक उपयोग के लिए कृषि भूमि की खरीद के लिए सरकार की अनुमति की आवश्यकता को समाप्त कर दिया। यदि सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है तो सबसे पहले 2002 के समय बने कानून में किए बदलाव समाप्त करे।

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