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UKSSSC पेपर लीक पर डिफेंस मोड में बीजेपी, कांग्रेस ने बताया कुतर्क, कहा- त्रिवेंद्र को ही घेर रही भाजपा

देहरादून: उत्तराखंड में पेपर लीक का मामला तूल पकड़ते ही बीजेपी ने डिफेंस मोड अख्तियार कर लिया है. बीजेपी का कहना है कि धामी सरकार के सत्ता में आने के पहले से ही प्रदेश में नकल माफिया सक्रिय थे तो वहीं कांग्रेस ने इसे बीजेपी का कुतर्क बताया है. जिससे सियासत गरमा गई है.

बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान का कहना है कि सरकार नकल माफियाओं को जेल में डालने के प्रति प्रतिबद्ध है. बीजेपी, कांग्रेस समर्थित माफियाओं की पहल को कामयाब नहीं होने देगी. उन्होंने विपक्ष की मंशा को सवालों के घेरे में बताया और आरोप लगाया कि कांग्रेस षड्यंत्र के तहत सरकार को बदनाम करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि ये निश्चित है कि धामी के चाबुक से हाकम के हाकिम नहीं बच पाएंगे.

कांग्रेस के आरोपों पर मनवीर चौहान ने कहा कि यूकेएसएसएससी की ओर से आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक को लेकर कुछ संगठनों की ओर से भ्रामक खबरें फैलाई जा रही है. इससे एक सोची समझी साजिश के तहत युवाओं को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है. जबकि, यूकेएसएसएससी के अनुसार, पेपर लीक जैसा कोई मामला नहीं है.

यूकेएसएसएससी कर रही जांच: पेपर की तीन पेज का स्क्रीन शॉट साजिश के तहत किसी ने परीक्षा शुरू होने के 35 मिनट बाद बाहर निकाला है. यह जांच का विषय है. आखिर कैसे पेपर के तीन पेज बाहर आए? किसने भेजे, इसकी जांच यूकेएसएसएससी कर रही है?

किस परीक्षा केंद्र से किसने पेपर आउट किया? इसकी जांच की जा रही है, लेकिन पेपर लीक जैसा कोई मामला नहीं है. परीक्षा शुरू होने के 35 मिनट बाद ऐसा किसी ने षड्यंत्र के तहत सरकार की पारदर्शी परीक्षा कराने के अभियान को बदनाम करने की कोशिश की है.

देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून उत्तराखंड में लागू: मनवीर चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून उत्तराखंड में लागू किया है. युवाओं के साथ किसी भी प्रकार का छल और अन्याय न हो, इसके लिए उत्तराखंड से नकल माफियाओं के तंत्र को जड़ से समाप्त करने का काम किया है.

उन्होंने कहा कि अभी तक 200 से ज्यादा नकल माफियाओं एवं भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने का काम किया है. सीएम धामी के सख्त नकल विरोधी कानून एवं पारदर्शी नीतियों के कारण आज लगभग सभी विभागों में 30 हजार से ज्यादा लोगों को सरकारी नौकरियां दी गई हैं.

पहले से रहा नकल माफियाओं का बोलबाला: उन्होंने कहा कि राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल का पहले से बोलबाला रहा है. जिसे धामी सरकार ने ही पकड़ा है. आज तमाम राजनीतिक दल दलीलें दे रहे हैं, लेकिन राजनीतिज्ञ तब जानबूझकर चुप्पी साधे रहे. यह सिलसिला जारी रहा, लेकिन जब इस पर कार्रवाई की गई तो सब इस पर विवेचना करने के लिए बाहर निकल आए.

मनवीर चौहान ने कहा कि धामी सरकार ने कड़ा कानून बनाया और विपक्ष इस पर सराहना के बजाय सवाल उठाता रहा. जबकि, पूरे देश में इसकी चर्चा हुई और कई राज्यों में इसका अनुसरण किया गया. उन्होंने कहा कि युवाओं के साथ अन्याय नहीं होगा और पारदर्शी वातावरण में हर परीक्षाएं होंगी. जिस भरोसे से धामी सरकार ने नकल माफियाओं को सलाखों के पीछे भेजकर विश्वास दिलाया, उसी तरह से उन्हें पारदर्शी परीक्षा प्रणाली पर विश्वास करने की जरूरत है.

कांग्रेस ने बीजेपी के बयान को बताया कुतर्क: वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस ने बीजेपी के इस बयान को आड़े हाथ लेते हुए कुतर्क बताया है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुजाता पॉल ने कहा कि बीजेपी साफतौर से कह रही है कि धामी सरकार के आने से पहले ही पेपर लीक माफिया प्रदेश में सक्रिय थे. यानी कि यह सीधा-सीधा आरोप बीजेपी की पिछली सरकार चलाने वाले त्रिवेंद्र रावत पर है.

उन्होंने कहा कि आज बीजेपी ने खुद यह मान लिया है कि त्रिवेंद्र रावत सरकार की छत्रछाया में पेपर लीक करवाया जाता था. पेपर लीक माफिया हाकम सिंह बाहर घूम रहा था तो पुलिस क्या कर रही थी? उसने दोबारा से पेपर लीक को अंजाम दिया.

सुजाता पॉल ने कहा कि परीक्षा शुरू होती ही आधे घंटे के भीतर तीन पन्ने बाहर आ जाना और बीजेपी का ये जवाब देना कि ये साजिश के तहत हुआ. कहीं ना कहीं बताता है कि सरकार का खुफिया तंत्र बेहद निष्क्रिय हो चुका है.

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