Site icon उत्तराखंड DISCOVERY


उत्तराखंड वक्फ बोर्ड का बड़ा फैसला पाकिस्तानी ज़ायरीनों को बांटी जाएगी भागवत गीता और गंगाजल



उत्तराखंड में कलियर में हज़रत साबिर मखदूम शाह का 755 वां उर्स शुरू हो चुका है यहां हर साल दुनिया के कोने–कोने से ज़ायरीन यानी श्रद्धालु आते हैं इनमें बांग्लादेश पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका के लोग भी आते हैं हर साल कलियर में उर्स के मौके पर पाकिस्तान से भी सैकड़ो ज़ायरीन कलियर आते हैं।


इस बार उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है उत्तराखंड में हजरत साबिर मखदूम शाह की दरगाह पर उर्स के मौके पर आने वाले पाकिस्तानी ज़ायरीनों को एक गीत और गंगाजल की गैलन भी दी जाएगी ताकि वह इसे ले जाकर अपने देश में वहां के मंदिरों में प्रशाद के रूप में दे सके। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने ये दिलचस्प शुरुआत की है शम्स की मानें तो इस तरह से मंदिरों के प्रति जुड़ाव बढ़ेगा वसुदेव कुटुंबकम की परंपरा को भी बढ़ावा मिलेगा।


उत्तराखंड में पांचवें धाम के नाम से मशहूर साबिर मखदूम शाह की दरगाह हरिद्वार जिले के कलियर में मौजूद है यह दरगाह 755 साल से भी ज्यादा पुरानी है, इस दरगाह की मान्यता न केवल देश बल्कि दुनिया के कई देश में है यहां पर हर साल दुनिया के कई मुल्कों से लोग आते हैं इसी क्रम में पाकिस्तान से भी हर साल सैकड़ो ज़ायरीन भी इस दरगाह पर उर्स के मौके पर अपनी आस्था और श्रद्धाभाव के साथ यहां पहुंचते हैं। लेकिन इस बार उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने एक अजीब घोषणा की है उनका कहना है कि इस बार यहां आने वाले तमाम पाकिस्तानियों को गीता और गंगाजल दिया जाएगा ताकि वह जाकर अपने देश में इसे अपने देश के मंदिरों में दान कर सकें इससे उनके और उनके इलाकों के मंदिरों के बीच एक रिश्ता जुड़ेगा और एक नई शुरुआत होगी हालांकि वक्फ बोर्ड की इस घोषणा के बाद इस्लाम धर्म का इसको लेकर क्या दृष्टिकोण से ये जानना भी बेहद ज़रूरी हो जाता है।

Exit mobile version