इस वर्ष की रक्षाबंधन तिथि गलतफहमी का कारण बनती है। चूंकि भद्रा काल 30 अगस्त को पड़ता है, इसलिए यह स्पष्ट नहीं है कि 30 अगस्त को मनाया जाए या 31 अगस्त को।
Purnima Date and Bhadra Kaal
गलत धारणा इस तथ्य से उत्पन्न होती है कि पूर्णिमा 30 अगस्त को शुरू होती है और 31 अगस्त को समाप्त होती है। हालांकि, 30 अगस्त को भद्रा काल में शाम का शुभ समय होता है, जबकि 31 अगस्त को पूर्णिमा केवल सुबह तक रहती है।
Rakhi Muhurat on August 30th
रक्षा बंधन 30 अगस्त को मनाया जा सकता है क्योंकि पूर्णिमा सुबह 10:48 बजे शुरू होती है। दूसरी ओर, भद्रा काल उसी दिन रात 9 बजे पड़ता है, जिससे शाम को राखी बांधने का आदर्श समय होता है।
Rakhi Muhurat on August 31st
पूर्णिमा 31 अगस्त को सुबह 7:06 बजे तक रहेगी। यह दिन भद्रा काल से अप्रभावित है। 30 अगस्त को शाम 5:31 बजे से शाम 6:31 बजे तक और 31 अगस्त को रात 9 बजे से सुबह 7:06 बजे तक राखी बांधने की अनुमति है।
The Negative Influence of Bhadra Kaal
ज्योतिष शास्त्र में भद्रा काल को अशुभ माना जाता है और इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसका संबंध शनि की बहन भद्रा से है जो अपने कठोर स्वभाव के लिए विख्यात है। भद्रा की उपस्थिति में शुभ कार्य करना वर्जित है।
Raksha Bandhan's Legends
रक्षा बंधन कई किंवदंतियों से जुड़ा हुआ है। एक कहानी में देवी इंद्राणी द्वारा युद्ध में भगवान विष्णु की रक्षा के लिए उनके गले में एक पवित्र धागा बांधने की बात कही गई है। महाभारत काल के दौरान, एक अन्य कथा में द्रौपदी द्वारा भगवान कृष्ण को राखी बांधने का वर्णन है।