आपदा के जख्मों पर मरहम के लिए काफी नहीं 1200 करोड़, जानिए कब होगा आर्थिक पैकेज का फुल एंड फाइनल

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड दौरे के एक दिन बाद शुक्रवार को NDMA (National Disaster Management Authority) के सदस्य और विभागाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने आज USDMA (Uttarakhand State Disaster Management Authority) कंट्रोल रूम देहरादून में महत्वपूर्ण बैठक की. बैठक में हुए उत्तराखंड में आपदा से हुए नुकसान की विस्तृत समीक्षा की गई.
बता दें कि अगस्त में बारिश ने जमकर कहर बरपाया था. इस बारिश से उत्तराखंड में कई बड़ी आपदाएं आई. उत्तरकाशी में जहां धराली बाजार मलबे के ढेर में दब गया तो वही चमोली के थराली में भी बारिश से काफी नुकसान हुआ था. इसके रुद्रप्रयाग और पौड़ी गढ़वाल जिले में भी बारिश के कारण सब कुछ तबाह हो गया था. इन्हीं सब आपदाओं और उनसे हुए नुकसान की जानकारी गुरुवार को पीएम मोदी को देहरादून में बैठक के दौरान दी गई.
उत्तराखंड के आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि कल गुरुवार 11 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपदा को देखते हुए उत्तराखंड का दौरा किया था. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपदा पीड़ितों से भी मुलाकात की थी. इसके अलावा पीएम मोदी एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और भारतीय सेना के उन जवानों से भी मिले, जो राहत और रेस्क्यू कार्यों में जुटे हुए है. साथ ही उनसे उत्तराखंड आपदा की ग्राउंड रिपोर्ट भी ली.
आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन के अनुसार पीएम मोदी ने उत्तराखंड को तात्कालिक राहत राशि के तौर पर 1200 करोड़ रुपए का पैकेज दिया है. साथ ही पीएम मोदी ने सीएम धामी को हर संभव मदद का भरोसा भी दिया है.
आपदा सचिव का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद राहत राशि तत्काल प्रभाव से पीड़ितों तक पहुंचे यह कार्य किया जा रहा है. पहले के समय में काफी समय लगता था. अब 24 घंटे के अंदर-अंदर राहत राशि दी जा रही है. साथ ही आपदा आने के बाद तत्काल प्रभाव से राहत एवं बचाव कार्य जल्द से जल्द किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से 1200 करोड़ की तात्कालिक मदद की गई है तो वही पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट यानी PDNA की रिपोर्ट के बाद आपदा में हुए नुकसान की डिटेल में समीक्षा की जाएगी. मौके पर जाकर हर एक नुकसान का मेजरमेंट किया जाएगा और उसके बाद डैमेज और लॉस को लेकर एक डिटेल डीपीआर तैयार की जाएगी. इसके बाद राज्य को जितने भी बजट की जरूरत होगी, वो केंद्र से मिलेगा.
बता दें कि इस साल 15 जून से शुरू हुए मानसून सीजन के बाद प्रदेश भर में भारी बरसात के चलते बड़ी मात्रा में नुकसान हुआ है. इस पूरे सीजन में अब तक 15535 किलोमीटर की सड़कों को नुकसान हुआ है, जिनको लगातार ठीक किया जा रहा है. इसमें केवल लोक निर्माण विभाग का 457 करोड़ का बजट खर्च होगा.
वहीं इस मॉनसून सीजन में अभी तक 3500 से ज्यादा घर टूट चुके हैं. वहीं संख्या में इंसानों के साथ ही मवेशियों की जान भी गई है, जिसका लगातार आपदा प्रबंधन विभाग अब असेसमेंट कर रहा है और एक डिटेल एसेसमेंट PDNA यानी पोस्ट डिजास्टर नीड एंड एसेसमेंट के तहत किया जाएगा. यह रिपोर्ट भी केंद्र को भेजी जाएगी.