एसटीएफ के हत्थे चढ़े दो साइबर ठग, रुद्रपुर के व्यक्ति से की थी 23.55 लाख की ठगी

देहरादून: उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक और साइबर फ्रॉड केस का खुलासा किया है. इस मामले में उत्तराखंड एसटीएफ ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के ‘कैम्पा कोला’ की डिस्ट्रीब्यूटरशिप दिलाने के नाम पर 23.55 लाख रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है. दोनों आरोपियों को दिल्ली के विजय विहार थाना क्षेत्र रोहिणी इलाके से गिरफ्तार किया गया है.
उत्तराखंड एसटीएफ ने बताया कि रुद्रपुर के रहने वाले व्यक्ति ने नवंबर 2025 में मुकदमा दर्ज कराया था. पीड़ित व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि वो गूगल पर ‘Campa Cola’ की डिस्ट्रीब्यूटरशिप की जानकारी ले रहे थे, तभी उनका संपर्क दो लोगों से हुआ, जिन्होंने खुद को कंपनी का अधिकारी बताया था. बातचीत आगे और पीड़ित व्यक्ति आरोपियों के झांसे में आ गया. दोनों पक्षों के बीच डीलरशिप को लेकर डील हुई.
इसी तरह आरोपियों ने Campa Cola रजिस्ट्रेशन और सिक्योरिटी फीस के नाम पर पीड़ित से करीब 23.55 लाख की ठगी की. हालांकि जब पीड़ित को अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ तो बहुत देर हो चुकी थी. इसके बाद पीड़ित ने साइबर पुलिस को मामले की जानकारी दी.
पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपियों ने तीन बैंक खातों में पीड़ित से रुपए ट्रासंफर कराए थे. इसके बाद उस रमक को अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया. फिर वो राशि एटीएम के जरिए निकाली गई. पुलिस ने उन बैंकों से पत्राचार कर सीसीटीवी फुटेज प्राप्त किए और आरोपियों ने जिस बैंक के एटीएम से पैसे निकाले थे, उस एटीएम के फुटेज चेक किए.
पुलिस की जांच में दो लोगों के नाम सामने आए, जिसमें 22 साल का राम कुमार निवासी ग्राम जिला नवादा बिहार और 22 साल का ही शुभम कुमार निवासी विजय विहार थाना क्षेत्र रोहिणी दिल्ली. पुलिस ने दोनों को दिल्ली से गिरफ्तार किया.
आरोपियों के पास से पुलिस को अलग-अलग कंपनियों के करीब आठ सिम कार्ड, 27 अलग-अलग बैंकों की पासबुक, 18 अलग-अलग बैंकों की चेकबुक, 30 अलग-अलग बैंकों के एटीएम कार्ड, पांच आधार कार्ड और पैन कार्ड बरामद किए गए. बरामद माल और बैंक खातों के संबंध में अन्य राज्यों से जानकारी जुटाई जा रही है.
साइबर एएसपी कुश मिश्रा ने बताया कि आरोपी बड़े पैमाने पर रोजागार के नाम पर बिहार के उन लोगों को दिल्ली बुलाते थे, जिनकी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर होती है. फिर इन लोगों का अलग-अलग बैंकों में खाता खुलवाया जाता है और बोला जाता था कि उन खातों में सैलरी आएगी. आरोपी बैक खातों में दर्ज मोबाइल नंबर, एटीएम कार्ड ओर बैंकिंग किट को अपने पास रखकर एटीएम, यूपीआई और अन्य आनलाइन और के माध्यम से साइबर धोखाधड़ी को अंजाम दिया करते है.
