खतरे के निशान से ऊपर गौला, बैराज से छोड़ा 48,000 क्यूसेक पानी, नदी किनारे के घर खाली करने का आदेश

हल्द्वानी: उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण पहाड़ से लेकर मैदान तक जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रखा है. नैनीताल जिला भी बारिश से बेहाल है. हल्द्वानी के आसपास के इलाकों में बहने वाले नदी और बरसाती नाले उफान पर हैं. कई इलाकों में जल भराव के कारण बाढ़ जैसे हालत बने गए हैं. कुछ क्षेत्रों में तो प्रशासन ने लोगों को घर खाली करने के लिए भी कहा है.
ग्राउंड जीरो पर उतरे अधिकारी: पुलिस-प्रशासन समेत आपदा प्रबंधन विभाग की टीम ग्राउंड जीरो पर उतरकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर रही है. एसडीएम राहुल शाह, सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल चौहान, तहसीलदार मनीषा बिष्ट, नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट समेत नगर निगम की पूरी टीम ने लगातार नालों के आसपास के क्षेत्रों का निरीक्षण किया.
बेवजह घरों से बाहर न निकलें लोग: पुलिस-प्रशासन लगातार लोगों से अपील कर रहा है कि बेवजह घरों से बाहर न निकलें और सुरक्षित रहें. बताया जा रहा है कि देवखड़ी के पास काफी मलबा आ गया है, जिसकी वजह से यातायात को रोका गया. इसके अलावा गौला बैराज का जल स्तर भी काफी बढ़ रहा है. गौला बैराज पर नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी है. इस कारण बैराज से 48,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसके साथ ही नंधौर नदी भी उफान पर है.
हल्द्वानी को पीलीभीत से जोड़ने वाला हाईवे बंद: वहीं चोरगलिया के शेर नाले में बहुत अधिक पानी आने से हल्द्वानी को यूपी के पीलीभीत से जोड़ने वाले हाईवे को भी बंद कर दिया गया है. गौला व नंधौर नदियों के उफान के चलते मैदानी क्षेत्रों में भू-कटाव शुरू हो गया है. इसीलिए जिला प्रशासन ने गौला नदी के किनारे काठगोदाम में रहने वाले लोगों को घर खाली कराकर सुरक्षित जगह पर जाने की अपील की है.
भारी बारिश से जलभराव की समस्या: वहीं शहर के हीरानगर क्षेत्र में भारी जलभराव से दोपहिया और चार पहिया वाहन बेहद मुश्किल से गुजर पा रहे हैं. जलभराव से लोगों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. फिलहाल सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को 24 घंटे अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं. बता दें कि मौसम विभाग ने अगले तीन दिन प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया हुआ है.
पुलिस-प्रशासन लगातार लोगों से यही अपील कर रहा है कि भारी बारिश में घर से बाहर न निकलें. खासकर पहाड़ी इलाकों में बिल्कुल भी सफर न करें. क्योंकि बारिश के कारण पहाड़ों पर लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ जाता है. वहीं उफनते नदी-नालों को भी पार करने का प्रयास न करें.