चमोली हिमगिरी प्लांटेशन घोटाले, 25 साल बाद पुलिस के हाथ आया आरोपी, आम जनता से ठगे थे लाखों रुपए

चमोली: हिमगिरी प्लांटेशन घोटाले के मामले में 25 सालों से फरार चल रहा आरोपी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया. चमोली पुलिस ने आरोपी को सोमवार को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने पैसा डबल करने का लालच देकर आम जनता से लाखों रुपये की ठगी की थी. चमोली पुलिस ने आरोपी को रुद्रप्रयाग जिले के फाटा से गिरफ्तार किया है.
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार साल 2001 में शिव प्रसाद निवासी कालीमठ जनपद रुद्रप्रयाग द्वारा थाना गोपेश्वर में एक गंभीर धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. तहरीर में बताया गया था कि रविंद्र मोहन पुत्र शेर सिंह राणा और उसका भाई राकेश मोहन निवासी ग्राम जामू थाना गुप्तकाशी जनपद रुद्रप्रयाग ने वर्ष 1993 में हिमगिरी प्लांटेशन नाम से कंपनी स्थापित की थी.
दोनों भाइयों ने निवेशकों को कम समय में धनराशि दोगुनी करने और आकर्षक ब्याज देने का लालच देकर बड़ी संख्या में लोगों से निवेश कराया और वर्ष 2001 में लाखों रुपये लेकर फरार हो गए. मामले में थाना गोपेश्वर पर मु.अ.सं (मुकदमा अपराध संख्या) 268/2001 एवं 269/2001 धारा 406/420 भादवि के तहत मुकदमे दर्ज किए गए थे.
कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों को मफरूर घोषित करते हुए उनके विरुद्ध स्थायी गैर-जमानती वारंट जारी किए थे. फरारी के चलते अभियुक्त रविन्द्र मोहन पर ₹5000 का इनाम भी घोषित किया गया था. पुलिस अधीक्षक चमोली सुरजीत सिंह पंवार के निर्देश पर उपनिरीक्षक सतेन्द्र बुटोला के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने तकनीकी विश्लेषण, विभिन्न अभिलेखों, देशव्यापी रिकॉर्ड और NATGRID प्लेटफॉर्म के माध्यम से अभियुक्त की तलाश तेज की.
जांच के दौरान अभियुक्त से जुड़े दिल्ली के पते की जानकारी सामने आई, जिसकी पुष्टि के लिए दिल्ली व नोएडा में भी पुलिस टीम भेजी गई. लगातार प्रयासों के बाद पुलिस ने अभियुक्त को उसके गृह क्षेत्र की ओर आते समय फाटा से गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार अभियुक्त को नियमानुसार न्यायालय में पेश किया गया. वहीं, इस प्रकरण में फरार दूसरे मुख्य अभियुक्त राकेश मोहन की गिरफ्तारी के लिए पुलिस का सघन अभियान जारी है.
