जच्चा-बच्चा की मौत के बाद टूटी स्वास्थ्य विभाग की नींद, गैरसैंण पीएचसी में तैनात किए डॉक्टर

गैरसैंण: विकासखंड गैरसैंण के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीते 30 अगस्त को गर्भवती महिला व नवजात की मौत हो गई थी. जिसको लेकर हजारों की संख्या में लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया था. साथ ही हॉस्पिटल में डॉक्टरों की मांग की थी. लोगों के प्रदर्शन के बाद स्वास्थ्य महकमा नींद से जागा है और हॉस्पिटल में डॉक्टरों की तैनाती के निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
गौर हो कि आंदोलनकारियों ने प्रसूता महिला व उसके नवजात बच्चे की मौत के मामले में न्यायिक जांच की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाने की मांग की थी. अस्पताल में स्थाई रूप से महिला रोग, बाल रोग, हृदय रोग, फिजिशियन, सर्जन विशेषज्ञों की स्थाई नियुक्ति की मांग के साथ ही अस्पताल में पुरानी अल्ट्रासाउंड मशीन के बदले नई मशीन स्थापित करने और रेडियोलॉजिस्ट की स्थाई नियुक्ति की मांग की गई थी.
हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने तीन चिकित्सकों को रोटेशन आधार पर सप्ताह में तीन दिन के लिए गैरसैंण नियुक्त किया था. लेकिन प्रदर्शनकारी विशेषज्ञ चिकित्सकों की स्थाई नियुक्ति की मांग पर अड़े रहे, वहीं अब जन आंदोलन के दबाव में गैरसैंण उपजिला चिकित्सालय के लिए एक महिला रोग विशेषज्ञ व एक बाल रोग विशेषज्ञ की स्थाई नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए हैं. जिसमें डॉ. सुरभी खेतवाल को स्त्री रोग विशेषज्ञ व डॉ. रिया सैनी को बाल रोग विशेषज्ञ नियुक्त किया गया है.
गौर हो कि गैरसैंण क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को लेकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों व स्थानीय लोगों ने नगर पंचायत सभागार में एक बैठक की. जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अव्यवस्थाओं व विशेषज्ञ चिकित्सकों की स्थाई नियुक्ति व सड़कों की दुर्दशा समेत क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को प्रमुखता से रखा गया. समस्याओं के निराकरण को लेकर चर्चा की गई.
इस दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को लेकर मंगलवार को हुए आंदोलन पर भी चर्चा की गई. बैठक में निर्णय लिया गया कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल गैरसैंण स्वास्थ्य व्यवस्थाओं व खराब मोटर मार्गों को लेकर सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी,स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत व सड़क एवं परिवहन मंत्री सतपाल महाराज से मुलाकात की जाएगी. बैठक में निर्णय लिया गया कि गैरसैंण क्षेत्र के जनहित के तमाम मुद्दों को उठाने व निराकरण करने के लिए गैरसैंण संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया जाएगा.
उत्तरकाशी में घायल को किया एयरलिफ्ट: मोरी प्रखंड के दूरस्थ फिताड़ी गांव की एक महिला बीते दिन जंगल में पशु चुगाने समय भूस्खलन की चपेट में आकर गंभीर घायल हो गई. आसपास के ग्रामीणों ने महिला को घायल अवस्था में गांव लाए. वहीं आपदा के चलते जखोल फिताड़ी मोटर मार्ग जगह-जगह मलबा आने बंद था. जिस कारण महिला को समय पर चिकित्सालय तक ले जाना संभव नहीं हो पाया. सूचना मिलने के बाद विधायक दुर्गेश लाल ने प्रशासन हेलीकॉप्टर की मांग की, जिसके बाद घायल महिला को हेली सेवा के माध्यम से एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया.