दो दिन की सैर के बाद हाथी राजा जंगल चले
छावनी परिसर में दो दिन से घूम रहे दो हाथियों को कई घंटे की मशक्कत के बाद पथरी के जंगल की ओर भेजा गया। दो चरणों में करीब सात घंटे चले वन विभाग और सेना के जवानों के संयुक्त अभियान को सफलता मिली। मंगलवार सुबह करीब पांच बजे रिसाला गेट को तोड़कर दो हाथी सैन्य परिसर में दाखिल हो गए थे। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम हाथियों की गतिविधियों पर नजर रख रही थी। बुधवार को वन विभाग के प्रभागीय वन अधिकारी वैभव सिंह, उपप्रभागीय वनाधिकारी सुनील बलूनी ने सेना अधिकारियों के साथ रेस्क्यू कर हाथियाें को बाहर निकालने का अभियान शुरू किया। अभियान रात करीब 8.30 बजे से शुरू किया गया।

वन विभाग की संयुक्त टीम हाथियों को मानव चेन के माध्यम से गजनी गेट से निकालने का प्रयास किया लेकिन हाथी नहीं माने और देखते ही देखते हाथियों ने सैन्य परिसर के एक हिस्से की दीवार तोड़ दी। इसके बाद बाहर की तरफ सड़कों पर आवाजाही बंद करानी पड़ी। हाथी सैन्य परिसर की दीवार के बराबर से चलते हुए बुचड़ी रेलवे फाटक पर पहुंचे। इसके बाद रेलवे ट्रैक पर चलते हुए लंढौरा रेलवे स्टेशन पर पहुंचे।
रात करीब 3.30 बजे हाथी जौरासी के जंगल की ओर निकल पड़े। इसपर अधिकारियों ने राहत की सांस ली। उपप्रभागीय वनाधिकारी सुनील बलूनी ने बताया कि हाथी जौरासी के जंगल से होते हुए पथरी तक पहुंचे हैं। रेस्क्यू टीम में सेना के जवान के अलावा वन विभाग की एसओजी भी शामिल रही।